जानिए दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में मरीजों को कब तक मिल पाएंगी कैंसर, न्यूरो और किडनी प्रत्यारोपण जैसी सुविधाएं
डाक्टर बताते हैं कि सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बनने के बाद अस्पताल में मेडिकल आंकोलोजी और रेडियोथेरेपी के विभाग शुरू किए जाएंगे। इसलिए रेडियोथेरेपी मशीन भ ...और पढ़ें

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में शिलान्यास के करीब ढाई साल बाद सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक का निर्माण शुरू हो गया है। 550 बेड की क्षमता का यह सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक अगले साल तैयार हो जाएगा। इसका निर्माण पूरा होने पर आरएमएल अस्पताल में दिल, न्यूरो से संबंधित बीमारियों के साथ कैंसर जैसे गंभीर रोगों के भी बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी, जबकि किडनी प्रत्यारोपण भी बढ़ेगा।
दिल्ली के बड़े अस्पतालों में शामिल इस आरएमएल अस्पताल में मौजूदा समय में 1,532 बेड हैं। एम्स और सफदरजंग अस्पताल के बाद सबसे अधिक इसी अस्पताल में मरीजों की भीड़ देखी जाती है। इस अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन करीब नौ हजार मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसके मद्देनजर इस अस्पताल के विस्तार के लिए 16 अगस्त, 2019 को सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक और रेजिडेंट डाक्टरों के लिए हास्टल का निर्माण शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना के कारण सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक का काम आगे नहीं बढ़ पाया था।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार इस साल 27 जनवरी से अस्पताल के परिसर में ट्रामा सेंटर के नजदीक सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक के निर्माण का काम शुरू हो गया है। इसके तहत 20 मंजिला सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक का निर्माण होना है जिसमें भूमिगत पार्किग की सुविधा भी होगी। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डेढ़ साल में यह सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बन जाएगा। इसमें कार्डियोलाजी, कार्डियक सर्जरी, नेफ्रोलाजी, यूरोलाजी, गैस्ट्रोलाजी, न्यूरोलाजी, न्यूरो सर्जरी, इंडोक्रिनोलाजी से संबंधित बीमारियों के साथ कैंसर के इलाज की सुविधा होगी।
मौजूदा समय में आरएमएल अस्पताल में कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी की सुविधा नहीं है। डाक्टर बताते हैं कि सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक बनने के बाद अस्पताल में मेडिकल आंकोलोजी और रेडियोथेरेपी के विभाग शुरू किए जाएंगे। इसलिए रेडियोथेरेपी मशीन भी लगेगी। इससे कैंसर के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

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