क्या आप भी सुनना चाहते हैं गांधी के दिल की धड़कन, तो चलो दिल्ली
महात्मा गांधी की ईसीजी रिपोर्ट के आधार पर उनका हार्ट बीट रिक्रिएट किया गया है। पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है, ताकि हिंदुस्तान के लोग बापू के दिल की धड़कन सुन सकें।
नई दिल्ली (संजीव कुमार मिश्र)। अहिंसा के दम पर ब्रिटिश हुकूमत से देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को देश-विदेश के लोग करीब से जानना व समझना चाहते हैं। यही वजह है कि प्रतिदिन बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक गांधी संग्रहालय पहुंचते हैं। हिंदुस्तान के लिए बापू का दिल किस तरह धड़कता था, यदि आप भी सुनना चाहते हैं तो राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय आइए। यहां आप महात्मा गांधी के दिल की धड़कन को न केवल लाइव सुन सकते हैं, बल्कि स्क्रीन पर देख भी सकते हैं।
दरअसल, महात्मा गांधी की ईसीजी रिपोर्ट के आधार पर उनका हार्ट बीट रिक्रिएट किया गया है। संग्रहालय का दावा है कि पहली बार इस तरह का प्रयोग किया गया है, ताकि हिंदुस्तान के लोग बापू के दिल की धड़कन सुन सकें। संग्रहालय के अधिकारियों के अनुसार 26 अक्टूबर 1937 को अचानक महात्मा गांधी की तबीयत बिगड़ गई थी। उनका रक्तचाप काफी बढ़ गया था। उनका इलाज 38-2, एल्गिन रोड, कलकत्ता में डॉ. सुनील ने किया था।
ईसीजी जांच में पता चला कि उनका रक्तचाप 194/130 पहुंच गया था। डॉक्टरों की निगरानी में दो दिन बाद यानी 28 अक्टूबर को दोबारा ईसीजी किया गया तो रक्तचाप 150/98 पाया गया। डॉक्टरों ने तब गांधी जी से कहा था कि इस तरह रक्तचाप में अचानक उतार-चढ़ाव ठीक नहीं है।
उन्होंने बापू को दिन में कम से कम आठ घंटे सोने की सलाह दी थी। राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए. अन्नामलाई कहते हैं कि महात्मा गांधी को ब्लड प्रेशर की शिकायत थी। वह एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल नहीं करते थे। रक्तचाप के इलाज के लिए प्राकृतिक तरीका अपनाते थे एवं अपने पास अश्वगंधा औषधि रखते थे।
डॉ. सुबोध केरकर ने किया रिक्रिएट संग्रहालय के पदाधिकारियों ने बताया कि गोवा संग्रहालय में डॉ. सुबोध केरकर ने बापू की ईसीजी रिपोर्ट के आधार पर उनके दिल की धड़कन को रिक्रिएट किया। ऑडियो और विजुअल रूप में इसे रिक्रिएट किया गया। 20 सेकेंड तक लोग धड़कन सुन सकते हैं।
हाल ही में गोवा संग्रहालय से रिक्रिएटेड क्लिप दिल्ली स्थित राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय लाई गई है। इस रिक्रिएटेड क्लिप को उन्नत तकनीक की मदद से और आधुनिक बनाया जा रहा है।
सुन सकते हैं महात्मा गांधी की आवाज
यहां संग्रहालय में महात्मा गांधी की आवाज भी सुन सकते हैं। चार टेलीफोन रखे हुए हैं। जिनमें दो पर हिंदी जबकि दो पर अंग्रेजी भाषा में महात्मा गांधी की आवाज सुनी जा सकती है। इसके जरिये भारत-पाकिस्तान बंटवारे समेत कई अन्य मुद्दों पर उनके विचारों से रूबरू हो सकते हैं।