खुलने वाली है दिल्ली-NCR के लोगों की किस्मत, डीडीए बनाने जा रहा है 17 लाख नए फ्लैट
योजना के लिए सबसे पहले जोनल प्लान तैयार किए जाएंगे। जोनल प्लान में पहले से सब कुछ मार्क किया जाएगा कि कहां और कितनी जमीन पर किस किस तरह से आवासीय इकाइयां तैयार की जाएं?
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 17 लाख फ्लैट और 75 लाख से अधिक लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी करने वाली दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बहुप्रतीक्षित और अति महत्वाकांक्षी लैंड पूलिंग नीति अब विशेषज्ञ पैनल के मार्गदर्शन में गति पकड़ेगी। डीडीए ने इस पैनल की नियुक्ति के लिए इच्छुक अभ्यर्थियों और एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। इसके लिए एक माह का समय रखा गया है। पैनल की नियुक्ति तीन साल के लिए वैध होगी।
जानकारी के मुताबिक इस पैनल में प्लानिंग, टाउन प्लानिंग, आधारभूत ढांचा, इंजीनियरिंग इत्यादि विविध विषयों के विशेषज्ञ शामिल किए जाएंगे। पैनल के विशेषज्ञ ही लैंड पूलिंग नीति की विस्तृत रूपरेखा तैयार करेंगे कि किस योजना को कैसे आगे बढ़ाया जाए, ताकि बाद में कोई समस्या न हो। योजना के लिए सबसे पहले जोनल प्लान तैयार किए जाएंगे। जोनल प्लान में पहले से सब कुछ मार्क किया जाएगा कि कहां और कितनी जमीन पर किस किस तरह से आवासीय इकाइयां तैयार की जाएं? कहां पर मकान होंगे और कहां पर सामुदायिक भवन, पार्क, पार्किंग, सीवरेज और पेयजल की लाइनें होंगी। इसी के अनुरूप इस नीति पर काम शुरू किया जा सकेगा।
पोर्टल पर ही होंगे पंजीकरण
लैंड पूलिंग नीति के लिए डीडीए का सिंगल विंडो पोर्टल भी सप्ताह भर में शुरू हो जाएगा। इसमें ही इच्छुक लोग अपना पंजीकरण कराएंगे। पहले चरण में इस पोर्टल पर पंजीकरण ही होंगे। पंजीकरण के साथ ही इस नीति का हिस्सा बनने वाले लोगों को अपनी जमीन का नक्शा, लोकेशन और साइज वगैरह भी डालना होगा। डीडीए भी पोर्टल पर जल्द यह जानकारी डालेगा कि किसकी जमीन किस खसरे में पड़ रही है। बाद में इसी पोर्टल के जरिए इच्छुक लोगों को आपस में जोड़ने का काम किया जाएगा। हालांकि, इस सारी प्रक्रिया में अभी समय लगने की संभावना है। अधिकारियों की मानें तो लैंड पूलिंग नीति का कुछ-कुछ साकार स्वरूप ढाई से तीन साल में दिखाई देगा।
तरुण कपूर (उपाध्यक्ष, डीडीए) का कहना है कि लैंड पूलिंग नीति के क्रियान्वयन की दिशा में डीडीए लगातार काम कर रहा है। सिंगल विंडो पोर्टल लगभग तैयार है, संभवत: अगले सप्ताह केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी इसकी औपचारिक शुरुआत करेंगे। विशेषज्ञों का पैनल इसी नीति के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेगा। यह पैनल हर स्तर पर कुछ मानक बनाएगा और उन पर अमल के दौरान पूरी निगरानी भी करेगा।