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जानें कैसे आपके 12000 करोड़ रुपये हो गए खाक, आप जैसे हैं 40000 लोग, पढ़िए- Inside Story

एक चौंकाने वाली बात तो यह भी सामने आई है कि इसके सीएमडी अनिल शर्मा ने तो फ्लैट खरीदारों के पैसों का इस्तेमाल बेटी की शादी तक में किया।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 12:03 PM (IST)Updated: Thu, 09 May 2019 07:48 AM (IST)
जानें कैसे आपके 12000 करोड़ रुपये हो गए खाक, आप जैसे हैं 40000 लोग, पढ़िए- Inside Story
जानें कैसे आपके 12000 करोड़ रुपये हो गए खाक, आप जैसे हैं 40000 लोग, पढ़िए- Inside Story

नई दिल्ली/नोएडा [जागरण स्पेशल]। देश की नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी में शुमार आम्रपाली समूह (Amrapali Group) की बर्बादी की वजह सिर्फ रियल एस्टेट सेक्टर (Real Esate Sector) में आई मंदी नहीं है, बल्कि इसके लिए वह खुद भी जिम्मेदार है। यह खुलासा आम्रपाली घोटाले की जांच करने वाले फरेंसिक ऑडिटर्स ने किया है। सुप्रीम कोर्ट में जमा की गई फरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट से पता चला है कि कंपनी के एक-दो निदेशकों फ्लैट खरीदारों के पैसों के इस्तेमाल निजी हितों के लिए किया। एक चौंकाने वाली बात तो यह भी सामने आई है कि इसके सीएमडी अनिल शर्मा ने तो फ्लैट खरीदारों के पैसों का इस्तेमाल बेटी की शादी तक में किया। ऐसा करना कंपनी के नियमों के खिलाफ था, लेकिन सारे नियमों को ताक पर रखकर आम्रपाली समूह के निदेशकों ने इस तरह की करतूत को अंजाम दिया। गौरतलब है कि ऑडिटर पवन के. अग्रवाल तथा रवि भाटिया ने 46 रजिस्टर्ड कंपनियों, ग्रुप से जुड़ी अन्य तथाकथित कंपनियों और निदेशकों के अकाउंट की जांच-पड़ताल के बाद अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है।

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खरीदी कार, मौज-मस्ती में उड़ाए पैसे

फरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट यह भी बताती है कि किस रह निदेशकों की करतूतों के चलते कंपनी को साल-दर-साल घाटा होता रहा और सीएमडी अनिल शर्मा समेत कंपनी के तमाम कर्ताधर्ता चुप्पी साधे किसी चमत्कार का इंतजार करते रहे। ज्यादातर निदेशक यह मान कर चल रहे थे कि रियल एस्टेट सेक्टर में आई मंदी से उनकी कंपनी डूब रही है, जबकि इसकी सबसे बड़ी वजह वो खुद थे। आम्रपाली के निदेशकों ने अपनी जीवनशैली की खातिर करोड़ों रुपये फूंक डाले। मिली जानकारी के मुताबिक, निदेशकों ने शेयर बाजार और कार खरीदने में पैसे लगा दिए। 

शेयर बाजार में किए गए फ्लैट खरीदारों के पैसे

सुप्रीम कोर्ट में 30 अप्रैल, 1 और 2 मई को हुई सुनवाई में फरेंसिक ऑडिटर्स ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि निवेशकों के पैसों से कंपनी के सीएमडी अनिल शर्मा और अन्य निदेशकों ने न सिर्फ महंगी-महंगी गाड़ियां, जूलरी और मकान खरीदे, बल्कि उन्हें म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार में निवेश भी किया। हालांकि, इसका खुलासा पहले ही हो चुका है कि इन्होंने ग्राहकों के पैसे बाजारों में लगाने  के साथ विदेशों में भी निवेश किया।

बेटी की शादी में खर्चे 1.38 करोड़

जांच में पाया गया कि साल 2008 से लेकर 2016 के बीच 8 साल के दौरान कंपनी से सैलरी के रूप में सीएमडी अनिल शर्मा को 52 करोड़ रुपये और शिवप्रिया को 35.91 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इस रकम में से अनिल शर्मा ने कंपनी के 1.38 करोड़ रुपये अपनी बेटी की शादी में खर्च कर दिए। 

यह भी खुलासा हुआ है कि वर्ष- 2016 में नोटबंदी के दौरान सीएमडी अनिल शर्मा और निदेशक शिव प्रिया के खाते में 12 करोड़ रुपये नकद ट्रांसफर हुए थे, जिसका कोई हिसाब-किताब फरेंसिक ऑडिटर्स को नहीं मिला है। यह रकम किस मद में कहां खर्च हुए इसकी जानकारी मिलना ही नामुमकिन लग रहा है, क्योंकि इसका कोई हिसाब-किताब ही नहीं है। पड़ताल में यह भी पाया गया है कि अनिल शर्मा तथा चार अन्य निदेशकों को प्रोफेशनल फीस के रूप में अवैध रूप से 67 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ था, जबकि वे इसके हकदार ही नहीं थे। 

एक अनुमान के मुताबिक, अगर आम्रपाली के एक फ्लैट की औसतन कीमत 30 लाख रुपये होती है तो 40000 निवेशकों द्वारा निवेश की गई रकद 12000 करोड़ से भी ज्यादा हो जाती है। कहने का मतलब आम्रपाली समूह के निदेशकों और सीएमडी की करतूतों ने अरबों रुपये डुबो दिए हैं। 

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