कौन है Prince Pandey, जिसने दी धमकी- दिल्ली के विहिप कार्यालय को बम से उड़ा दूंगा; वजह का भी किया खुलासा
Prince Pandey दिल्ली पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि एक परिवार के ईसाई मत अपनाने और विहिप के कुछ न करने से युवक प्रिंस पांडे नाराज था। मूलरूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला प्रिंस खुद भी विहिप से जुड़ा हुआ है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली के झंडेवालान इलाके में स्थित विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad ) के प्रदेश कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी देने पर पुलिस ने एक युवक प्रिंस पांडे (Prince Pandey) को हिरासत में लिया है। पुलिस, आइबी, स्पेशल सेल, स्पेशल ब्रांच समेत तमाम सुरक्षा एजेंसियों ने उससे घंटों पूछताछ की, लेकिन अभी तक कोई संदिग्ध कनेक्शन नहीं मिला है।
साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है प्रिंस
उधर, धमकी देने वाला प्रिंस पांडे एक साधारण परिवार से बताया जा रहा है। उसके पिता एंबुलेंस चालक हैं। प्रिंस 22 जुलाई को अपनी मौसी अंबे शुक्ला के साथ दिल्ली गया था। बुधवार को जब शाम चार बजे तक वह वापस नहीं लौटा तो मौसी ने फोन किया। दिल्ली पुलिस ने उन्हें बताया कि प्रिंस ने विहिप कार्यालय को बम से उड़ाने की बात कही है।
पूछताछ में प्रिंस ने बताया, मैं हूं विहिप का समर्थक
धमकी देने वाले युवक की पहचान प्रिंस पांडे के रूप में हुई, जो मध्य प्रदेश के सीधी के पटौदी गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। उधर, पूछताछ में युवक ने स्वयं को विहिप का समर्थक बताया है। वह इसी महीने 22 जुलाई को दिल्ली में रहने वाली मौसी के घर आया था।
मिली थी विहिप कार्यालय को बम से उड़ाने की धमकी
पूरे मामले को लेकर मध्य जिला डीसीपी श्वेता चौहान का कहना है कि बुधवार दोपहर 12. 41 बजे पहाड़गंज थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक झंडेवालान मंदिर की दूसरी मंजिल पर स्थित विहिप कार्यालय को बम से उड़ा देने की धमकी दे रहा है। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां तैनात पैरा मिलिट्री के जवानों ने युवक को दबोच लिया।
मौसी के घर आया था दिल्ली
पकड़े जाने के बाद पूछताछ में युवक की पहचान प्रिंस पांडे के रूप में हुई। वह मध्य प्रदेश के सीधी के पटौदी गांव का रहने वाला बताया जा रहा है। स्नातक डिग्रीधारी प्रिंस 22 जुलाई को फतेहपुर बेरी इलाके में रहने वाली अपनी मौसी के साथ दिल्ली आया था।
एक परिवार द्वारा ईसाई धर्म अपनाने से नाराज है
यह भी जानकारी मिली है कि बुधवार दोपहर उसने विहिप कार्यालय आकर पदाधिकारियों से मुलाकात कर शिकायत की, कि उसके गांव के एक परिवार ने ईसाई मत अपना लिया है, लेकिन इस दिशा में कोई कुछ नहीं कर रहा है। विहिप के वरिष्ठ पदाधिकारी भी इस संबंध में कुछ भी नहीं कर रहे हैं, जिससे वह गुस्से में है। इसलिए उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए उसने विहिप पदाधिकारियों के सामने इस तरह के शब्द का इस्तेमाल किया। ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले में विश्व हिंदू परिषद अपनी ओर से नरम रुख दिखा सकता है।