लाइफस्टाइल : आइब्रो टैटूइंग बन रहा है लेटेस्ट ब्यूटी ट्रेंड
टैटू के माध्यम से न केवल आकार को सही किया जा सकता है बल्कि आइब्रो के ऊपर मनचाहा डिजाइन भी बनवाया जा सकता है।
गुरुग्राम (प्रियंका दुबे मेहता)। चेहरे को खूबसूरत दिखाने में आइब्रो की शेप बहुत मायने रखती है। इसकी शेप को बेहतर बनाने के लिए लोग तमाम तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट और मेकअप का सहारा लेते हैं। इन दिनों आइब्रो को सजाने के लिए पेंसिल या एनहांसमेंट नहीं बल्कि आइब्रो टैटूइंग के ट्रेंड का अनुसरण कर रहे हैं। अब टैटू के रंग चेहरे पर भी देखने को मिल रहे हैं।
आइब्रो टैटूइंग में दोहरे फायदे हैं कि इससे हल्की या फिर टेढ़ीमेढ़ी आइब्रो को टैटू के माध्यम से छुपाया भी जा सकता है और एक नया स्टाइल भी पाया जा सकता है।
क्या है आइब्रो टैटूइंग
आइब्रो पर टैटू बनवाना ही आइब्रो टैटूइंग है। इससे पहले जो आइब्रो एनहांसमेंट किया जाता था उसमें वह कुछ महीनों में हल्का पड़ जाता था लेकिन टैटू करवाने से यह परमानेंट हो जाता है। इससे आइब्रो में अपना मनचाहा आकार पाया जा सकता है। टैटू के माध्यम से न केवल आकार को सही किया जा सकता है बल्कि आइब्रो के ऊपर मनचाहा डिजाइन भी बनवाया जा सकता है। इस ट्रेंड को दिल्ली में लाने वाली टैटू विशेषज्ञ मनमीत कौर नागपाल का कहना है कि आइब्रो को बेहतर लुक देने और स्टाइलिश दिखाने के लिए इस तरह का टैटू किया जा रहा है। इससे किसी प्रकार की समस्या नहीं आती और यह ताउम्र बरकरार रहता है।
माइक्रोब्लेडिंग से अलग है टैटूइंग
आइब्रो को बेहतर बनाने के लिए एक तरह का टेक्निकल तरीका है माइक्रोब्लेडिंग लेकिन टैटू और माइक्रोब्ले¨डग में बहुत अंतर है। मेकओवर आर्टिस्ट एकता कपूर के मुताबिक दोनों ही अलग-अलग तरीके हैं। माइक्रोब्लेडिंग में पिगमेंट्स का उपयोग किया जाता है जबकि टैटू में कलाकर स्याही या इंक का उपयोग करते हैं। हालांकि आइब्रो टैटू का खुमार इन दिनों युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा है लेकिन इसके लिए बहुत सोच समझ कर निर्णय लेना चाहिए।
एक तो यह परमानेंट होता है और दूसरे एक समय के बाद इंक का कलर उतरने लगता है जो कि चेहरे की शोभा बिगाड़ सकता है। ऐसे में बहुत सोच समझ कर सधे हुए हाथों से अपने चेहरे पर सूट करता हुआ टैटू करवाना चाहिए।
- एकता कपूर, हेयर कैफे सलोन, दिल्ली
आइब्रो टैटू इन दिनों काफी स्टाइलिश माना जा रहा है। हालांकि युवतियों में इसका सबसे ज्यादा क्रेज है लेकिन यह केवल यूथ के लिए ही नहीं बल्कि बढ़ती उम्र के लोगों के लिए भी अच्छी चीज है। स्किन फ्रेंडली इंक के साथ बनाए जा रहे यह टैटू की मांग इस कदर बढ़ रही है कि प्रतिदिन दो से तीन क्लाइंट इस आर्ट को करवाते हैं।
- मनमीत कौर नागपाल, टैटू एक्सपर्ट, संचालक, जो नेल्स एंड जोइश, दिल्ली