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देश की इस सीट पर लोकसभा की जंग को रोचक बना रहे कृष्ण-अवतार

एक ओर केंद्र की मोदी सरकार में राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर जीत को पिछले चुनाव से बड़ा करने की कोशिश में हैं वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह हार का बदला लेने के लिए बेताब हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 10:20 AM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 10:24 AM (IST)
देश की इस सीट पर लोकसभा की जंग को रोचक बना रहे कृष्ण-अवतार
देश की इस सीट पर लोकसभा की जंग को रोचक बना रहे कृष्ण-अवतार

नई दिल्ली [बिजेंद्र बंसल]। छठे चरण में मतदान की गवाह बनने जा रही औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में इस बार हाई वोल्टेज मुकाबला होने जा रहा है। एक ओर केंद्र की मोदी सरकार में राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर अपनी जीत को पिछले चुनाव से बड़ा करने की कोशिश में हैं, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना वर्ष 2014 के चुनाव में गुर्जर से मिली 4.67 लाख मतों की हार का बदला लेने को बेताब हैं। आम आदमी पार्टी प्रत्याशी नवीन जयहिंद, इनेलो उम्मीदवार महेंद्र चौहान और एलएसपी-बसपा गठबंधन प्रत्याशी मनधीर मान सत्ता संग्राम को रोचक बना रहे हैं। अब तक के सियासी हालात पर बिजेंद्र बंसल की एक रिपोर्ट :-

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विकास के नाम पर जीत की उम्मीद में गुर्जर
कृष्णपाल गुर्जर का दावा है कि कांग्रेस और इनेलो के शासन में फरीदाबाद को फकीराबाद कहा जाने लगा था। विकास में पिछड़े फरीदाबाद को उन्होंने पिछले पांच साल में उसका खोया हुआ स्वरूप वापस दिलाने का प्रयास किया। फरीदाबाद और दिल्ली के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिए मेट्रो रेल का विस्तार बल्लभगढ़ तक कराया। छह लेन के राष्ट्रीय राजमार्ग का काम पूरा कराया। केजीपी और केएमपी का तोहफा क्षेत्र को दिया। ग्रेटर नो
अवतार सिंह भड़ाना तीन बार फरीदाबाद से और एक बार मेरठ से सांसद रह चुके हैं।

भड़ाना उत्तर प्रदेश में भाजपा से विधायकी छोड़कर लोकसभा चुनाव में उतरे हैं। उनका दावा है कि पिछले कार्यकाल में फरीदाबाद से गुरुग्राम की बेहतर सड़क, बल्लभगढ़ से सोहना रोड, आइएमटी के अलावा पानी की रेनीवेल योजना व मेट्रो परियोजना सहित हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य हैं, जो 2004 से 2014 तक केंद्र व प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार के शासनकाल में शुरू हुए। यह सभी योजनाएं 2014 व उसके बाद के सालों में पूरी हुई, जिनका श्रेय केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ले रहे हैं। भड़ाना का दावा है कि कांग्रेस ही फरीदाबाद का खोया हुआ स्वरूप वापस ला सकती है। वह यूपीए एक और यूपीए दो के दौरान हुए विकास कार्यो का हवाला देकर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में लगे हैं।

विकास कार्यों को गिना रहे अवतार भड़ाना
अवतार सिंह भड़ाना तीन बार फरीदाबाद से और एक बार मेरठ से सांसद रह चुके हैं। भड़ाना उत्तर प्रदेश में भाजपा से विधायकी छोड़कर लोकसभा चुनाव में उतरे हैं। उनका दावा है कि पिछले कार्यकाल में फरीदाबाद से गुरुग्राम की बेहतर सड़क, बल्लभगढ़ से सोहना रोड, आइएमटी के अलावा पानी की रेनीवेल योजना व मेट्रो परियोजना सहित हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य हैं, जो 2004 से 2014 तक केंद्र व प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार के शासनकाल में शुरू हुए। यह सभी योजनाएं 2014 व उसके बाद के सालों में पूरी हुई, जिनका श्रेय केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ले रहे हैं। भड़ाना का दावा है कि कांग्रेस ही फरीदाबाद का खोया हुआ स्वरूप वापस ला सकती है। वह यूपीए एक और यूपीए दो के दौरान हुए विकास कार्यो का हवाला देकर जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में लगे हैं।

पहली बार किला जीतने को बेताब जयहिंद
आम आदमी पार्टी के हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के कार्यों का हवाला देते हुए मैदान में हैं। हरियाणा में आम आदमी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से जयहिंद प्रदेश की मनोहरलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। जयहिंद का दावा है कि केंद्र सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान गुर्जर ने जनता का भला करने की बजाए अपना व अपने चहेतों का भला किया है। आज जब वह वोट मांगने जा रहे हैं तो जनता उनका विरोध कर रही है और उनसे हिसाब मांग रही है। कांग्रेस प्रत्याशी अवतार सिंह भड़ाना के बारे में उनका कहना है कि भड़ाना चुनाव जीत के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि भाजपा को जिताने के लिए मैदान में उतरे हैं। दोनों मिलकर सियासत कर रहे हैं। फरीदाबाद की जनता आम आदमी पार्टी को ही जिताएगी।

लोकसभा क्षेत्र का इतिहास भी जानें
1977 में नए परिसीमन के बाद फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इससे पहले गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था। 1977 में पहली बार जनता पार्टी के धर्मवीर वशिष्ठ चुनाव जीते।
इसके बाद वर्ष 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस के तैय्यब हुसैन, 1984 में कांग्रेस के रहीम खां, 1988 के उपचुनाव में जनता दल के खुर्शीद अहमद, 1989 में कांग्रेस के भजन लाल, 1991 में कांग्रेस अवतार भड़ाना, 1996,1998,1999 में लगातार तीन बार भाजपा के रामचंद्र बैंदा, 2004,2009 में कांग्रेस के अवतार भड़ाना और 2014 के चुनाव में भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर चुनाव जीते। 1977 से 2004 तक के चुनाव में फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र में नूंह जिला (मेवात) के तीन विधानसभा क्षेत्र आते थे। मेवात के क्षेत्र होने के कारण यहां मुस्लिम नेता भी दावा करते थे मगर 2009 के नए परिसीमन के बाद यहां मुस्लिम मतदाताओं का दावा खत्म हो गया क्योंकि मेवात के तीन क्षेत्र गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में शामिल हो गए।

मुकाबले को रोचक बना रहे ये सूरमा
इंडियन नेशनल लोकदल से पलवल के महेंद्र चौहान और लोकतांत्रिक सुरक्षा पार्टी- बसपा गठबंधन से मनधीर मान चुनाव मैदान में हैं। आप-जजपा गठबंधन ने आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक नवीन जयहिंद को चुनाव मैदान में उतारकर सबसे ज्यादा भाजपा को सकते में डाल दिया है। यहां से काफी वषों के बाद चुनाव में ब्राह्मण उम्मीदवार उतरने के कारण आप को ब्राह्मणों के रुझान की उम्मीद है। महेंद्र चौहान जाट बिरादरी को लामबंद करने में जुटे हैं तो बसपा के मनधीर मान अपनी पार्टी के परंपरागत वोटरों को लुभाने के लिए प्रयासरत हैं। इस बार फरीदाबाद में 27 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

लोकसभा क्षेत्र पर एक नजर
विधानसभा क्षेत्रों के नाम : बड़खल , फरीदाबाद, एनआइटी, बल्लभगढ़, तिगांव, पृथला,पलवल, होडल व हथीन
मजबूती सियासी माहौल अनुकूल करने में महारत है, शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत और पार्टी का मजबूत जनाधार।
बड़खल, एनआइटी,फरीदाबाद और तिगांव के गठजोड़ मेवला महाराजपुर विस सीट से तीन बार विधायक रहे।

 


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