100 मर्डर करने वाले डॉक्टर की कहानी, जानिए कैसे बना हत्यारा, पढ़ें जेल और गिरफ्तारी का सफर
एक डॉक्टर ने जो कारनामा किया है वह दिल को दहलाने वाला है। अलीगढ़ का रहने वाला देवेंद्र शर्मा ने सौ मर्डर कर शव मगरमच्छों को खिला देता था।
नई दिल्ली [लोकेश चौहान]। एक हत्या की खबर से रूह कांप उठती है। ऐसे में अगर आपको यह कहा जाए कि एक डॉक्टर ने 100 हत्याएं की हैं तो आप यह शायद यकीन नहीं करेंगे। जी हां एक डॉक्टर ने जो कारनामा किया है वह दिल को दहलाने वाला है। अलीगढ़ का रहने वाला देवेंद्र शर्मा ने ना सिर्फ डॉक्टरी जैसे पेशे का शर्मसार किया वहीं 100 हत्याएं कर पुलिस को भी हैरानी में डाल चुका है। पुलिस ने उसे बुधवार को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
बिहार की थी पढ़ाई
पूछताछ में देवेंद्र शर्मा ने बताया कि बिहार के सीवान से बीएएमएस में स्नातक करने के बाद 1984 से 11 वर्ष तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक चलाया। 1982 में शादी हुई। वर्ष 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी के कार्यालय ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई। उसने गैस डीलरशिप के लिए 11 लाख रुपये का निवेश किया था। कंपनी के अचानक गायब होने से उसका पैस डूब गया।
गैस ट्रकों को लूटकर मेरठ में बेचता था उसे
इसके बाद वर्ष 1995 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के छारा गांव में भारत पेट्रोलियम की एक नकली गैस एजेंसी शुरू की। पहले लखनऊ से सिलेंडरों में रसोई गैस लाना शुरू किया, लेकिन यह मुश्किल भरा रहा। उस दौरान पास के गांव दलालपुर निवासी राज, उदयवीर और वेदवीर के संपर्क में आया। उनके साथ मिलकर चालक की हत्या करके एलपीजी सिलेंडर ले जाने वाले ट्रकों को लूटना शुरू किया। फर्जी गैस एजेंसी में सिलेंडर उतारकर मेरठ में लूटे गए ट्रकों को बेचने का सिलसिला चलने लगा। डेढ़ वर्ष बाद उसे नकली गैस एजेंसी चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया। इसके बाद वर्ष 2001 में उसने फिर अमरोहा में नकली गैस एजेंसी शुरू की। उसके खिलाफ फिर से कोतवाली में मामला दर्ज हुआ।
किडनी प्रत्यारोपण रैकेट में हुआ शामिल
इन सबके बाद वर्ष 1994 में भारी नुकसान के बाद वह जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और अन्य जगह चल रहे अंतरराज्यीय किडनी प्रत्यारोपण रैकेट में शामिल हो गया। तीनों जगह दर्ज मामलों में वह शामिल रहा। उसे गुरुग्राम में डॉ. अमित द्वारा संचालित अनमोल नर्सिंग होम में किडनी रैकेट मामले में वर्ष 2004 में गिरफ्तार किया गया। 1994 से 2004 तक वह अवैध रूप किडनी बेचने का कारोबार किया। इस दौरान करीब 125 से अधिक किडनी प्रत्यारोपण के लिए उसने किडनी देने वाले लोगों की व्यवस्था की। उन्हें प्रति मामले में 5-7 लाख रुपये मिलते थे।
हत्या करने के बाद शव को काजगंज के हजारा नहर में फेंकते थे
इसी दौरान वह जयपुर गया और 2003 तक अपना क्लिनिक चलाता रहा। इस दौरान वह उन लोग के संपर्क में आया, जो अलीगढ़ जाने के लिए टैक्सी किराए पर लेते और फिर चालक की हत्या कर टैक्सी लूट लेते थे। वे काजगंज के हजारा नहर में शव को फैंकते थे, जिसमें मगरमच्छ होते थे, इसलिए किसी भी शव मिलता ही नहीं था। लूटी हुई टैक्सी को कासगंज और मेरठ में 20-25 हजार रुपये में बेचता था। उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे कार खरीदने वाले सभी लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
50 से अधिक हत्याओं का मास्टरमांइड रहा
उसने माना कि वह ऐसी 50 से ज्यादा हत्याओं का मास्टरमाइंड रहा है। हालांकि उसे दौरान वह सौ से अधिक टैक्सी चालकों की हत्याओं में शामिल रहा था। इस संबंध में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में मामले दर्ज किए गए थे। वर्ष 2002-2004 में हुई कई हत्या के मामलों में गिरफ्तार किया गया और आधा दर्जन मामलों में उसे दोषी भी ठहराया गया था। इन दिनों वह जयपुर में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसकी पत्नी और बच्चों ने वर्ष 2004 में उन्हें छोड़ दिया।
पैरोल पर आया था बाहर
जनवरी 2020 में 20 दिन की पैरोल पर बाहर आने के बाद वह अपने पैतृक गांव में गया। मार्च में दिल्ली आया और मोहन गार्डन में एक परिचित व्यक्ति के घर में रहने लगे। इसके बाद उसने दिल्ली के बपरोला में एक विधवा से शादी की और प्रॉपर्टी का काम करने लगा। वह जयपुर के एक प्रॉपर्टी डीलर को कनॉट प्लेस में स्थित एक मार्शल हाउस की बिक्री के लिए भी मध्यस्थता कर रहा था।
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