खूनी लव स्टोरीः जानें- 12वीं पास मॉडल एंजेल गुप्ता का दिल्ली से मुंबई तक सफर
उभरती एक्ट्रेस एंजेल झुमका लिया बरेली से जैसे कई एलबमों में मुख्य भूमिका निभा चुकी है। वह चार पांच छोटी मोटी विज्ञापन फिल्मों में काम कर चुकी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली के बवाना इलाके में महिला टीचर सुनीता की हत्या के मामले में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को एक और आरोपी को पकड़ लिया गया। अब इस हत्याकांड में कम से कम दो आरोपियों को और गिरफ्तार किया जाना है, जिन्होंने सुनीता पर गोलियां बरसाईं थीं।
बताया जाता है कि मॉडल एंजेल बीते दिनों जर्मनी में लंबा समय गुजार कर आई थी। एंजेल मुंबई इंडस्ट्री में खुद को लंदन में जन्मी और लंदन रिटर्न बताती थी। पिछले एक साल से मंजीत सुनीता के ऊपर तलाक देने के लिए दबाव बना रहा था। तलाक ना देने पर उनकी हत्या करने की धमकी भी देता था। बताया जाता है कि सुनीता की डायरी में एजेल के बारे में यह भी लिखा है, 'वो लड़की बहुत ही गंदी है, उसने मेरा घर बर्बाद कर दिया, मेरे पति मेरी बिल्कुल नहीं सुनते। हर समय तलाक देने पर अड़े हैं। अब तो हद हो गई जो मुझे हत्या की धमकी दे रहे हैं।'
12 वीं पास 26 वर्षीय एंजेल ने मुंबई में छह माह का एक्टिंग का कोर्स भी किया है। इसका खर्च भी राजीव ने ही चुकाया था। एंजेल 'झुमका लिया बरेली' से जैसे कई एलबमों में मुख्य भूमिका निभा चुकी है। वह चार पांच छोटी मोटी विज्ञापन फिल्मों में काम कर चुकी है। उसके कई आइटम गीत के एलबम भी रिलीज हो चुके हैं।
बताया जाता है कि राजीव ने इन एलबमों में पैसा भी लगाया था। एंजेल मुंबई के अंधेरी इलाके में किराए के फ्लैट में रहती थी, जिसका करीब पचास हजार रुपये हर माह का किराया था। यह खर्च भी राजीव ही वहन करता था।
रेकी की थी हत्या के आरोपियों ने
बवाना इलाके में महिला शिक्षक सुनीता की हत्या को अंजाम देने से 15 दिन पूर्व आरोपितों ने रेकी की थी। रेकी के दौरान मृतक के पति मंजीत के साथ उसकी प्रेमिका मॉडल अभिनेत्री एंजेल गुप्ता उर्फ शशि प्रभा, मॉडल का मुंह बोला पिता राजीव गुप्ता के साथ एंजेल का ममेरा भाई दीपक के अलावा दो हमलावर भी थे। दीपक पिछले दस सालों से राजीव गुप्ता का कार चालक है। एसीपी सौरभ चंद्रा की टीम ने शुक्रवार को उसे भी उसके मेरठ स्थित नानू धौली पियाऊं गांव से गिरफ्तार कर लिया है।
इस मामले में मॉडल एजेंल, राजीव गुप्ता व मंजीत को पुलिस ने बृहस्पतिवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। दीपक ने ही अपने पड़ोसी गांव के एक जानकार के माध्यम से दोनों हमलावरों से संपर्क किया था। दोनों हमलावर भी मेरठ इलाके के हैं। ऐसे में पुलिस को अब मामले में दोनों हमलावरों व मध्यस्थ की तलाश है। तीनों पुलिस की दबिश के चलते उत्तर प्रदेश में लगातार ठिकाने बदल रहे हैं। 1फिलहाल पुलिस मंजीत व राजीव गुप्ता को तीन दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है, जबकि रोहिणी कोर्ट में पेशी के बाद एंजेल को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
वहीं, हत्या का खुलासा सुनीता की लिखी एक डायरी से हुआ है। पुलिस राजीव को ही महिला शिक्षक की हत्या का सूत्रधार मान रही है। उसी ने अपने वाहन चालक दीपक के माध्यम से भाड़े के हत्यारों की व्यवस्था कराई थी। भाड़े के हत्यारे वारदात को अंजाम देने के लिए 18 लाख रुपये की मांग कर रहे थे, लेकिन सौदा दस लाख में तय हुआ था और इसके लिए करीब ढाई लाख रुपये उन हत्यारों को पेशगी के तौर पर वारदात के पूर्व दिए गए थे। रुपये का प्रबंध राजीव गुप्ता ने ही किया था।
बेटी की खुशियों के लिए बन गया हत्या का मास्टरमाइंड
वह हर कीमत पर अपनी मुंह बोली बेटी एंजेल गुप्ता की खुशियां चाहता था। इसके लिए वह एंजेल को मंजीत के साथ शादी के बंधन में देखना चाहता था। एंजेल की मां मूल रूप से मेरठ की रहने वाली हैं। वह आरकेपुरम इलाके में सीपीडब्ल्यूडी में चतुर्थ श्रेणी की कर्मी हैं। एंजेल के पिता की मौत के बाद उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी और दूसरे पति से उन्हें एक बेटा भी है। राजीव गुप्ता का इस परिवार से सालों पुराना रिश्ता है। एंजेल की मां उसे मुंह बोला भाई मानती हैं। यही कारण है कि एंजेल उसे बचपन से ही मुंह बोले पिता के रूप में मानतीं आ रही हैं।
ऐसी की थी सुनीता की हत्या, की थी रिहर्सल
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने वारदात से 15 दिन पूर्व बवाना जाकर शिक्षिका सुनीता के घर से स्कूल के लिए निकलने व वापस आने का समय, स्कूल जाने के लिए किए जाने वाले रास्ते का इस्तेमाल आदि के बारे में जानकारी जुटाई थी। इस दौरान भाड़े के दोनों हत्यारे भी कार में साथ थे। उस दिन हमलावरों ने एंजेल को सुनीता मानकर वारदात की पूरी रिहर्सल की थी। इसके लिए एंजेल से स्कूटी भी चलवाई गई थी। चूंकि सुबह के समय सड़क पर आवाजाही कम रहती है, ऐसे में उन्होंने स्कूल जाने के लिए घर से निकलते ही सुनीता की हत्या की फुलप्रूफ योजना तैयार की थी। इसके बाद दरियापुर पुलिस चौकी के पास पहले से इंतजार कर रहे बाइक सवार दोनों हमलावरों ने 29 अक्टूबर की सुबह सुनीता की गोली मार हत्या कर दी थी। वारदात के दौरान मंजीत, राजीव गुप्ता व दीपक आदि बवाना इलाके में ही मौजूद थे। उनकी मोबाइल लोकेशन भी घटना स्थल के आसपास ही मिली थी। शुरुआती जांच में मोबाइल लोकेशन के आधार पर मॉडल एंजेल के भी वहां होने की जानकारी मिली थी, लेकिन वह उस वक्त वहां नहीं थी। एंजेल एक ही मोबाइल फोन इस्तेमाल करती थी, जिसे राजीव गुप्ता अपने साथ लेकर आ गया था। ऐसे में मोबाइल फोन के आधार पर उसकी लोकेशन भी बवाना इलाके में मिली थी। वारदात के दिन सुनीता के घर से निकलने की जानकारी मंजीत ने ही हमलावरों को दी थी।
रोहिणी जिले के डीसीपी रजनीश गुप्ता का कहना है कि मामले में गिरफ्तार चौथे आरोपी का नाम दीपक है। यह मॉडल ऐंजल गुप्ता के मुंह बोले पिता राजीव गुप्ता का ड्राइवर है। इसी ने सुनीता की हत्या करने के लिए सुपारी ली थी। उसने मंजीत से ढाई लाख रुपये ले लिए थे। जिसमें से कुछ पैसा इसने आगे कॉन्ट्रैक्ट किलर को भी दिया था।
बताया जाता है कि मामले में सुनीता की हत्या करने के लिए कांट्रैक्ट किलर ने 18 लाख मांगे थे, लेकिन डील 10 लाख में फाइनल हुई थी। अभी यह दोनो कांट्रैक्ट किलर गिरफ्तार नहीं किए जा सके हैं। इससे पहले मृतक सुनीता का पति मंजीत, बॉलिवुड की उभरती ऐक्ट्रेस और मंजीत की गर्ल फ्रेंड ऐंजल गुप्ता और ऐजल का मुंह बोला पिता राजीव गुप्ता गिरफ्तार हो चुके हैं।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 29 अक्टूबर की सुबह हत्या वाली जगह पर दोनों सुपारी किलर के साथ दीपक भी मौजूद था। ताकि सुनीता की पहचान करके सुपारी किलर को बताई जा सके। राजीव के कहने पर दीपक ने ही मेरठ से दो सुपारी किलर को हायर किया था। एंजेल का ननिहाल मेरठ में है। यहीं से दो सुपारी किलर हायर किए गए थे। पुलिस को मिली मृतका सुनीता की डायरी में यह भी पता लगा है कि उन्होंने अपनी हत्या की आशंका पहले ही जता दी थी।
मॉडल एंजेल के चक्कर से निकल नहीं पाया मंजीत
'सुनीता की जगह यह (मंजीत) मर जाता तो ज्यादा अच्छा रहता। वह तो बहुत ही संस्कारी महिला थी, वह जानती थी मंजीत सहरावत के बारे में सब कुछ, मगर परिवार बचाने और बच्चों की खातिर वह पूरे धैर्य से काम करती रही, सब कुछ सहती रही। उसके यही संस्कार और धैर्य उसकी जान ले गए। काश, सुनीता आज जिंदा होती।' कुछ इसी तरह के शब्द बवाना में अधिकांश लोगों के मुंह से निकल रहे हैं।
मंजीत और मॉडल एंजेल के संबंधों की जानकारी मंजीत के पिता रामेश्वर सहरावत को भी थी। वह भी उसे दो साल से लगातार समझाने की कोशिश कर रहे थे कि हम गांव-देहात के लोग हैं। अपने बच्चों को देख, देवी जैसी पत्नी को देख, मगर मॉडल एंजेल गुप्ता के आगे पिता की बात भी मंजीत के गले नहीं उतरी। हरियाणा से बतौर शिक्षक सेवानिवृत्त हुए रामेश्वर के परिवार की सभी लोग खुलकर तारीफ करते हैं। रामेश्वर मंजीत के पिता हैं।
लोगों का कहना है कि यह परिवार पूरी तरह से मिलन सार और लोगों के सुख दुख में काम आने वाला है। बहू सुनीता तो लोगों की मदद के लिए हर वक्त तैयार रहती थी। खुद शिक्षिका थी इसलिए भी शायद मोहल्ले के बच्चों की शिक्षा को लेकर चिंतित रहती थी। अपने दोनों बच्चों को वह रोहिणी सेक्टर 24 के एक निजी स्कूल में पढ़ा ही रही थी। मोहल्ले के बच्चे भी घर पर कुछ भी पूछने जाते थे तो वह हमेशा उनकी मदद के लिए तत्पर रहती थी। सुनीता की मौत से उनके ससुर रामेश्वर तो सदमे में हैं ही, उनकी सास ओमवती भी सदमे में हैं। ओमवती ने सुनीता को हमेशा बेटी की तरह माना और सुनीता ने भी ओमवती को मां की तरह सम्मान दिया। ओमवती को भी अपने बेटे मंजीत की करतूत की जानकारी थी। वह हमेशा बेटे को लताड़ते हुए अपनी बहू सुनीता का ही पक्ष लेती थी। ओमवती के लिए सुनीता बेहद करीबी थी। सुनीता की मौत के बाद ओमवती बुरी तरह से टूट चुकी हैं। मंजीत और संजय दो भाई हैं। दोनों के दो-दो बच्चे हैं। अधिकांश लोगों का कहना है कि मंजीत बवाना में कम ही रहता था। तब परिवार के लोग उसे समझाया करते थे कि बहू की तरफ ध्यान दे, बच्चों की तरफ ध्यान दे, लेकिन उसने किसी की न सुनी। मास्टर जी का परिवार उजाड़ दिया।
राजीव गुप्ता ने मॉडल एंजेल को घोषित कर रखा है उत्तराधिकारी
राजीव गुप्ता पेशे से कारोबारी है और उसने साउथ एक्स इलाके में रेस्टोरेंट के अलावा एंजेल केमिकल्स, एंजेल मसाला आदि नाम से कंपनी खोल रखीं हैं। वह आरकेपुरम इलाके में उसी बिल्डिंग में रहता है, जिस में एंजेल की मां अपने पति व बेटे के साथ रहती हैं। हालांकि राजीव के भाई कमल का फ्लैट रोहिणी सेक्टर 13 के एक अपार्टमेंट में भी है। राजीव व एंजेल के दस्तावेजों में इसी पते का जिक्र है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि राजीव एंजेल को जान से ज्यादा प्यार करता है। यही कारण है कि उसने अपने बैंक खाते व कंपनियों के उत्तराधिकारी के रूप में एंजेल का नाम घोषित किया है। एंजेल की खुशी के लिए राजीव गुप्ता ने शादी तक नहीं की। वह एंजेल की पढ़ाई लिखाई से लेकर उसके मुंबई में रहने के सभी खर्च को वहन करता था।
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