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    Delhi में एक ऐसा स्कूल, 40 साल बाद खुलते ही हुआ बंद; पर अब हो सकेगी पढ़ाई

    Updated: Thu, 22 May 2025 12:07 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशानुसार किराड़ी के सर्वोदय कन्या विद्यालय में दाखिला प्रक्रिया तुरंत शुरू होगी। 40 साल बाद खुले इस स्कूल में बिजली-पानी की कमी के कारण पढ़ाई बंद हो गई थी। अदालत ने शिक्षा निदेशालय को 15 जुलाई तक सभी सुविधाएँ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने स्कूल के निर्माण में देरी पर नाराज़गी जताई।

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    प्रेमनगर के नवनिर्मित सर्वोदय कन्या विद्यालय की इमारत। जागरण आर्काइव

    धर्मेंद्र यादव, बाहरी दिल्ली। बाहरी दिल्ली में एक स्कूल जो 40 साल के लंबे इंतजार के बाद खुलता है और अपनी भव्य इमारत के लोकार्पण के तत्काल बाद बंद भी हो जाता है, अब वहां पढ़ाई शुरू हो सकेगी।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने शिक्षा निदेशालय को स्कूल में दाखिला प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि दाखिला प्रक्रिया चालू रहने के बीच ही स्कूल में बिजली-पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराकर इसे 15 जुलाई तक पूरी तरह से संचालित किया जाए। अदालत बुधवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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    किराड़ी क्षेत्र के प्रेमनगर में स्थित इस सर्वोदय कन्या विद्यालय की इमारत का निर्माण भी हाई कोर्ट के आदेश के बाद हुआ था। वर्ष 2019 में सामाजिक कार्यकर्ता मोहन पासवान और वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने इसके लिए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।

    मामला अदालत में पहुंचने पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने महज 41 रुपये में करीब चार हजार गज जगह स्कूल के लिए आवंटित की थी। 2021 में इमारत बनाने का काम शुरू हुआ। छह जनवरी, 2025 को विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री आतिशी ने इसका लोकार्पण किया था।

    आसपास के लोगों ने अपने बच्चों का दाखिला यहां कराने के लिए पुराने स्कूल से उनके नाम कटवा दिए। पांच महीने बाद ही यह स्कूल इस नोटिस के साथ बंद कर दिया गया कि दाखिला लेने बाद में आना।

    बताया गया कि बिजली-पानी का कनेक्शन नहीं होने की वजह से स्कूल का चालू होना संभव नहीं है। स्कूल बंद होने के बाद मामला फिर हाई कोर्ट पहुंचा। अदालत भी यह जानकर हैरान रह गई कि जिस स्कूल की इमारत उसके आदेश के बाद तैयार हुई, वहां बिजली, पानी और सीवर का कनेक्शन नहीं होने के कारण दाखिला प्रक्रिया बंद कर दी गई है।

    इस पर मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने नाराजगी जाहिर की। हमारा प्रयास सामाजिक उत्थान संस्था की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि वर्ष 2019 में स्कूल के निर्माण का आदेश दिया गया था और अभी 2025 चल रहा है। छह साल बीतने के बाद भी स्कूल का शुरू नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। यही नहीं, स्कूल शुरू नहीं हो पाने से चार हजार से ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।

    दुखद यह है कि शिक्षा विभाग छोटी-छोटी चीजों को पूरा नहीं कर पा रहा है। अदालत ने इस मामले से जुड़ी फाइलें शिक्षा सचिव के समक्ष रखने का निर्देश दिया। साथ ही शिक्षा विभाग, पीडब्ल्यूडी, डीडीए के अधिकारियों को अगली सुनवाई पर स्थिति रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया।