अपराधियों की पनाहगाह के अलावा जानिए खोरी गांव में अन्य कौन-कौन से होते हैं अवैध धंधे, पुलिस ने तैयार की रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाणा शासन सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर खोरी गांव राजस्व की जमीन पर अवैध रूप से विकसित हुई बस्ती में अपराधियों को भी पनाह मिलती है।

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाणा शासन सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने की रूपरेखा तैयार करनी शुरू कर दी है। दिल्ली-हरियाणा सीमा पर खोरी गांव राजस्व की जमीन पर अवैध रूप से विकसित हुई बस्ती में अपराधियों को भी पनाह मिलती है। शासन को छह सप्ताह के अंदर यह अतिक्रमण हटाना है। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का आदेश देने से पहले इस बस्ती की जमीनी सच्चाई के बारे में भी रिपोर्ट ली थी।
अपराधियों को पकड़ने में करनी पड़ती है दिल्ली और हरियाणा की पुलिस को काफी मशक्कत
मसलन कोर्ट ने राशन कार्ड, बिजली कनेक्शन, मतदाता सूची के अलावा यह भी जानकारी ली थी कि इस क्षेत्र में बंगला देशी तो नहीं रहते। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट को बता दिया गया था कि यहां बंगलादेशी नागरिक तो बहुत ही कम संख्या में किराये पर रहते हैं। हां, इस क्षेत्र में गांजा सहित अन्य नशीले पदार्थो की खूब बिक्री होती है। इस काले धंधे में लिप्त अपराधियों को पकड़ने में दिल्ली और हरियाणा की पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। फरीदाबाद नगर निगम के सेवानिवृत्त तहसीलदार रवि सिंगला बताते हैं कि सरकारी जमीन बेचने के लिए यहां करीब 10 गिरोह सक्रिय हैं। इनका इस क्षेत्र में रहने वालों के बीच दबदबा रहता है क्योंकि ये ही यहां पानी, बिजली आदि की मूलभूत सुविधाएं जुटाते हैं।
दक्षिण दिल्ली में अपराध करने के बाद अपराधियों का होता है यहां पहला पड़ाव
खोरी गांव राजस्व की जमीन पर विकसित हुई इस बस्ती में अपराधी पनाह लेते हैं। खासतौर पर दक्षिण दिल्ली और फरीदाबाद क्षेत्र में अपराध करने वाले अपराधी यहां अपना पहला पड़ाव डालते हैं। इसके बाद अपराधी अपने अन्य सुरक्षित क्षेत्र में जाते हैं। इस क्षेत्र में रहने वाले एक समुदाय विशेष के लोग पुलिस को कभी भी सहयोग नहीं करते मगर बस्ती में कुछ ऐसे भी लोग हैं जो यहां किराये पर कच्चे-पक्के मकान उपलब्ध कराते हैं। अपराध होने पर पुलिस इन लोगों के माध्यम से ही अपराधियों तक पहुंचती है। इसके लिए हरियाणा पुलिस का गुप्तचर विभाग भी यहां सक्रिय रहता है।
दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर बसा है खोरी
यह बस्ती दिल्ली-हरियाणा की सीमा पर है। इसमें अंदर जाने पर यह नहीं पता चल पाता कि कब हरियाणा खत्म हो गया और दिल्ली का क्षेत्र शुरू हो गया। इसका अपराधी भी फायदा उठाते हैं। कई बार इस क्षेत्र में नशीले पदार्थ बेचने वाले अपराधियों को पकड़ने में दोनों राज्यों की पुलिस को काफी मुश्किल होती है। यहां गांजा सबसे ज्यादा बेचा जाता है।
जयवीर राठी, डीसीपी क्राइम, फरीदाबाद
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