रेखा सरकार ने झुग्गीवासियों को दिया बड़ा तोहफा, DDA साल के अंत तक बांटेगा 700 फ्लैट
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कठपुतली कॉलोनी परियोजना का नाम बदलकर प्रगति अपार्टमेंट कर दिया है और दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। पहले चरण में 700 फ्लैट इस साल के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। यह जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत डीडीए की पहली इन-सीटू परियोजना है जिसमें झुग्गीवासियों के लिए 2800 फ्लैट बनाए जा रहे हैं।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। एक के बाद एक समय सीमा चूकती आ रही महत्वाकांक्षी कठपुतली कॉलोनी परियोजना का नाम अब दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने प्रगति अपार्टमेंट रख दिया है। नाम बदलने से शायद परियोजना आगे बढ़ेगी।
इसके साथ ही, दिसंबर 2025 की नई समय सीमा भी जारी कर दी गई है। उम्मीद है कि इस साल के अंत तक पहले चरण के 700 फ्लैट उपलब्ध हो जाएंगे। परियोजना के पूरी तरह से पूरा होने की नई समय सीमा जून 2026 कर दी गई है। याद रहे कि इससे पहले डीडीए कालकाजी और जेलरवाला बाग जहां झुग्गी, वहां मकान परियोजना का नाम बदलकर क्रमशः आशा किरण अपार्टमेंट और स्वाभिमान अपार्टमेंट कर चुका है।
कठपुतली कॉलोनी 50 साल से भी अधिक पुरानी
यह झुग्गी बस्ती 1960-70 के दौरान बसी थी। राजस्थान के कठपुतली कलाकार, नर्तक, गीतकार, जादूगर आदि यहां आकर बस गए। इसके बाद दूसरे राज्यों से भी लोक कलाकार यहां आकर बस गए। 1980 में ब्रिटेन में आयोजित भारत महोत्सव के कारण कठपुतली कॉलोनी के कलाकारों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
डीडीए ने 1985 में इस जगह को खाली कराने के प्रयास शुरू किए और इन कलाकारों को वसंत कुंज, महरौली और द्वारका में पुनर्वासित करने की योजना बनाई। लेकिन लोग इसके लिए तैयार नहीं थे।
2018 में निर्माण कार्य शुरू
'जहां झुग्गी, वहां मकान' योजना के तहत इस परियोजना का निर्माण कार्य अप्रैल 2018 में शुरू हुआ था। तत्कालीन केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसका शिलान्यास किया था। इसकी पहली समय सीमा मार्च 2019 थी।
इसके बाद कोविड के कारण काम प्रभावित हुआ। बाद में भी इसकी समय सीमा बढ़ती रही। डीडीए को इस संबंध में कभी कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। पिछले महीने केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी यहाँ का दौरा किया था।
यह इन-सीटू पुनर्वास की पहली परियोजना
यह डीडीए की पहली इन-सीटू परियोजना है, जिसे रहेजा समूह द्वारा तैयार किया जा रहा है। सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली यह परियोजना 2008-09 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय कठपुतली कॉलोनी के लोगों के विरोध के कारण यह शुरू नहीं हो पाई थी।
यहां रहने वाले लोगों में कठपुतली कलाकार, लोकगीत गायक, नर्तक आदि शामिल हैं। डीडीए ने यहाँ रहने वाले इन लोगों को 2014, 2015-16 और 2017 में आनंद पर्वत ट्रांजिट कैंप और नरेला के फ्लैटों में स्थानांतरित किया था।
जानिए कुछ महत्वपूर्ण तथ्य एक नजर में
- यहां झुग्गीवासियों के लिए 2800 फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
- कठपुतली कॉलोनी में 5.2 एकड़ ज़मीन पर फ्लैट बनाए जा रहे हैं।
- एक फ्लैट बनाने में लगभग 15 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं।
- एक परिवार को सिर्फ़ 1.42 लाख रुपये लेकर एक फ्लैट दिया जाएगा। इसमें से 30 हज़ार की राशि मरम्मत के लिए है।
- यहां दो ओपन एयर थिएटर और एक स्कूल बनाया जाना है।
- 5.2 हेक्टेयर भूमि में से 3.4 हेक्टेयर भूमि कॉलोनी के पुनर्वास के लिए उपयोग की जाएगी।
- सभी फ्लैट 37 वर्ग फुट के होंगे।
- फ्लैट में एक शयनकक्ष, हॉल, रसोई, शौचालय, स्नानघर और बालकनी होगी।
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