घनी आबादी में शॉपिंग सेंटर और होटल-रेस्टोरेंट को दी एनओसी... Vishal Mega Mart में आग का मामला पहुंचा हाई कोर्ट
करोल बाग के विशाल मेगा मार्ट में आग लगने से हुई दो मौतों के मामले में कुटुंब नामक एक एनजीओ ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। याचिका में मेगा मार्ट प्रबंधन और संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ जांच की मांग की गई है। संगठन ने अवैध शॉपिंग सेंटरों को बंद करने और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने की भी मांग की है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में आग लगने के दौरान लिफ्ट में फंसे युवक समेत दाे की मौत का मामला दिल्ली हाई कोर्ट पहुंच गया है।
गैर सरकारी संगठन कुटुंब ने वकील रुद्र विक्रम सिंह के माध्यम से याचिका दायर कर विशाल मेगा मार्ट के प्रबंधन, पुलिस अधिकारियों और अग्निशमन विभाग के खिलाफ जांच कराने की मांग की है।
याचिका में दिल्ली नगर निगम, अग्निशमन सेवा, पुलिस विभाग और अन्य जिम्मेदार/संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
घनी आबादी में शॉपिंग सेंटर के लिए एनओसी पर सवाल
याचिका में कहा गया कि मानदंडों का पालन किए बिना इतनी घनी आबादी वाले क्षेत्र में शाॅपिंग सेंटर चलाने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया।
याचिका में करोल बाग/राजेंद्र नगर और उसके आसपास के इलाकों में सभी अवैध और अनाधिकृत शाॅपिंग सेंटरों, होटलों, रेस्तरां, पुस्तकालयों व कोचिंग सेंटरों के कामकाज को जांच समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने तक बंद करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
लिफ्ट में नहीं था कोई पैनिक या हेल्प बटन
याचिका में कहा गया कि मामले में दी गई शिकायत में कहा गया है कि विशाल मेगा मार्ट परिसर में लगी लिफ्ट में कोई पैनिक बटन/हेल्प बटन नहीं था।
यहां तक की लिफ्ट में फंसे युवक द्वारा बार-बार मदद मांगने के बाद भी विशाल मेगा मार्ट का कोई कर्मचारी नहीं आया।
यह हैरान करने की बात है कि मृतक धीरेंद्र प्रताप का शव का निकालने में सात घंटे लग गए। यह भी कहा गया कि अगर विशाल मेगा मार्ट, दिल्ली पुलिस व अग्निशमन विभाग समय पर सक्रिय होते तो युवक की जान बचाई जा सकती थी।
उपहार सिनेमा, अनाज मंडी व मुंडका में आग से गईं कई जानें
याचिका में कहा गया कि दिल्ली में कई दुखद घटनाएं होने के बाद भी हालात नहीं बदल रहे हैं। याचिका में जिक्र किया गया कि उपहार सिनेमा अग्निकांड में 60 लोगों की मौत हुई जबकि करोल बाग में ही होटल अर्पित अग्निकांड में एक आईआरएस और एक विदेशी सहित 17 लोगों की मौत हुई।
इसके अलावा अनाज मंडी अग्निकांड 43 लोगों की मौत हुई और 50 घायल हुए, जबकि मुंडका अग्निकांड 27 लोगों ने अपनी जान गंवाई और 40 लोग घायल हुए।
मुखर्जी नगर अग्निकांड में 61 छात्र घायल हुए और विवेक विहार नवजात अस्पताल कांड सात नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी।
याचिका में कहा गया कि हर घटना में जो एक बात समान थी, वह यह थी कि सभी निर्माण संबंधित विभागों से मंजूरी लिए बिना अवैध रूप से चल रहे थे।
यह भी हकीकत है कि भ्रष्ट अधिकारी इन प्रतिष्ठानों को अवैध रूप से अपना कारोबार चलाने की अनुमति दे रहे थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।