Kanjhawala Death Case: आंखों में सूख गए आंसू, दिल पत्थर सा हो गया कठोर
Kanjhawala Death Case दिल्ली के सुल्तानपुरी क्षेत्र में हुई दर्दनाक घटना को लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिला। मृतका अंजलि के स्वजन ने बताया कि पुलिस इस मामले में शुरू से ही लीपापोती कर रही है। अभी तक गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। बुधवार को जितनी पुलिस दो सौ मीटर के दायरे में रही उतनी अगर वारदात की रात सड़क पर होती तो मेरी बेटी जिंदा होती। घटना के बाद तत्परता दिखाने का क्या फायदा? आज लोगों के फोन आ रहे हैं। मेरे परिवार के साथ संवेदनाएं व्यक्त की जा रही है, लेकिन क्या इस घटना के बाद हमारे सिस्टम में कुछ बदलाव आएगा।
क्या हम यह कहने की स्थिति में है कि अब कोई अंजलि की तरह हमारे बीच से नहीं जाएगी। किराड़ी स्थित करन विहार में अपनी बेटी के शव के इंतजार में बैठी अंजलि की मां रेखा बार-बार यह सवाल सरकार, पुलिस व समाज से पूछ रही थी। अंजलि के स्वजन ने बताया कि रेखा के रोते-रोते आंखों के आंसू सूख गए और दिल पत्थर सा कठोर हो गया। यही हाल अंजलि की बहन व भाइयों का भी है।
गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज
अंजलि के स्वजन ने बताया कि पुलिस इस मामले में शुरू से ही लीपापोती कर रही है। अभी तक गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। क्या कोई यह बता सकता है कि कार के नीचे एक शख्स चिपका हुआ हो और चालक को इसका आभास तक नहीं हो सके। यह संभव ही नहीं है।
आरोपितों ने जानबूझकर इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को फांसी की सजा दिलवाए। अंजलि की नानी ने बताया कि निधि नामक युवती को पुलिस अंजलि की दोस्त बता रही है, लेकिन हम लोग उसे जानते तक नहीं हैं। कभी उससे मुलाकात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी रेखा गंभीर रूप से बीमार रहती है। उसकी दोनो किडनी खराब है। अंजलि के दो छोटे-छोटे भाई हैं। अब उनका ख्याल कौन रखेगा।
सोने की चेन व कान की बाली नहीं मिली
स्वजन ने बताया कि एक माह पहले ही अंजलि ने सोने की चेन व कान की बाली खरीदी थी। 31 दिसंबर को वह इसे पहनकर घर से निकली थी। घटना के बाद पुलिस उसे भी बरामद नहीं कर सकी है।
अपनी नानी के पास रहती थी अंजलि
इन दिनों अंजलि की मां रेखा की तबीयत ज्यादा खराब थी। इस कारण रेखा कृष्ण विहार स्थित अपने मायके में रह रहीं थी। साथ ही अंजलि व उसके भाई-बहन भी वहीं रह रहे थे। घटना वाले दिन अंजलि ओयो होटल से निकलने के बाद कृष्ण विहार की ओर रवाना हुई थी।
दो सौ मीटर के दायरे में हजार पुलिसकर्मी थे तैनात
करन विहार की दो सौ मीटर की गली में करीब एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। मुख्य सड़क से कालोनी में जाने वाली गली पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। इसके बाद अंजलि के घर से 10 मीटर पहले दो जगह रस्सी से घेर दिया गया था, जिससे कि आम लोग उनके घर पर नहीं जा सके।
एक गली से दूसरी गली में जाने वाले गेट को बंद कर दिया गया था, लेकिन आसपास के लोग गेट के पास खड़े होकर शव के आने का इंतजार दिनभर करते रहे। पहले पुलिस की ओर से बताया गया कि दोपहर 12 बजे शव आएगा। बाद में दो बजे बताया गया। अंत में करीब साढ़े चार बजे करन विहार स्थित घर पर शव को लाया गया।
पुलिस के खिलाफ हुई नारेबाजी
एंबुलेंस के आते ही स्वजन के साथ-साथ स्थानीय लोग अंजलि को न्याय चाहिए के पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन करने लगे। श्मशान भूमि जाने के दौरान मुख्य सड़क पर एंबुलेंस के पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने उसे रोक लिया और घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। कई लोग पुलिस की गाड़ी के बाेनट पर मुक्का मारकर अपना विरोध दर्शाने लगे। करीब 10 मिनट तक यहां पर एंबुलेंस को स्थानीय लोगों ने रोके रखा। इसके बाद पुलिस की करीब 50 गाड़ियां एंबुलेंस को एस्कार्ट करते हुए श्मशान भूमि पर पहुंची।
लोगों के रोष को देखते हुए मंगोलपुर खुर्द अवंतिका स्थित श्मशान भूमि पर पुलिसकर्मियों के साथ अर्धसैनिक बल के जवानों को तैनात किया गया था। भारी सुरक्षा के बीच शव का अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के समय घर के सदस्यों के अलावा किसी को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी। श्मशान भूमि के बाहर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग खड़े थे।
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