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    Youtuber Jyoti Malhotra: यूट्यूबर्स और इंफ्लुएंसर्स की तय होगी जवाबदेही? ज्योति मल्होत्रा जासूसी कांड के बाद उठी मांग

    Updated: Sun, 18 May 2025 03:19 PM (IST)

    जासूसी के आरोप में ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) की गिरफ्तारी के बाद यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स की जवाबदेही और नियामक निगरानी की मांग उठ रही है। इनफ्लुएंसर्स देश-विदेश में करोड़ों लोगों को प्रभावित करते हैं लेकिन इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। ये भ्रामक जानकारी फैलाते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। सरकार और समाज को इस पर ध्यान देना होगा।

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    यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पाकिस्तान और उसके सहयोगी देश तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ देशभर में उभरते आक्रोश के बीच, सोशल मीडिया की दुनिया में लोकप्रिय यूट्यबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) जासूसी प्रकरण ने देश के लोगों को सकते में डाल दिया है।

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    साथ ही चेताया है कि कुछ यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स द्वारा डिजिटल मंचों का दुरुपयोग बेहद खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। जहां वह देश के हितों से भी समझौता करने को तैयार हैं।

    इस बीच, हरियाणा के हिसार की 33 वर्षीय ट्रैवेलर यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए भारत की जासूसी करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया है, जिसने पाकिस्तान समेत कई देशों की यात्रा की है और उसके यूट्यूब वीडियो को लाखों लोगों ने देखा है।

    ज्योति मल्होत्रा के कितने फॉलोअर्स हैं?

    यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा (Jyoti Malhotra) के यूट्यूब, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर आठ लाख से अधिक फॉलोअर है। उसकी गिरफ्तारी के साथ से सोशल मीडिया पर उसका नाम ट्रेड करता रहा। रविवार को भी यह ट्रेडिंग में रही है। ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के साथ ही आभासी दुनिया में इसे लेकर चिंता जताने वाले पोस्टों की बाढ़ रही।

    वैसे, यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई विवाद सुर्खियों में रहे, जिसमें ताजा मामला रणवीर इलाहाबादिया का रहा, जिसके इंडिया गॉट लेटेंट शो पर अश्लीलता की पराकाष्ठा पार करने पर काफी विवाद हुआ। जिसमें गंदी बातें होती है। इसके शो अक्सर विवादों में रहा।

    इसी तरह,

    • एल्विश यादव- सांप का जहर पार्टी केस में गिरफ्तारी,

    • संदीप माहेश्वरी बनाम विवेक बिंद्रा विवाद -व्यापारिक नैतिकता पर सवाल,

    • कैरी मिनाटी बनाम टिकटाक एपिसोड- विषाक्त आनलाइन वातावरण को बढ़ावा,

    • गौरव तनेजा (फ्लाइंग बीस्ट) - ट्रेन रोककर सार्वजनिक संकट उत्पन्न करना।

    ऐसे सैकड़ों शो और यूट्यूबर्स तथा इंफ्लुएंसर्स है, जिनके शो और बातें विवादों में रही जिसपर समाज में जहर घोल रही है। चांदनी चौक से भाजपा सांसद व कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल कहते हैं कि जो मंच रचनात्मकता और जनसंवाद के लिए थे, वे अब कई बार प्रचार, गलत जानकारी, लक्षित उत्पीड़न और राजनीतिक एजेंडा थोपने के उपकरण बनते जा रहे हैं और यह सब ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के नाम पर हो रहा है।

    आगे वह कहते हैं कि “क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, या शोषण की स्वतंत्रता? या इससे भी बड़ा खतरा -क्या यह राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की आजादी है, जैसा कि ज्योति मल्होत्रा मामले में देखा गया?”

    खंडेलवाल कहते हैं “स्वतंत्रता का अर्थ कुछ भी कहने का अधिकार नहीं, बल्कि सच बोलने, गरिमा बनाए रखने और राष्ट्रहित की रक्षा करने की जिम्मेदारी है। कोई भी व्यक्ति या मंच कानून और मर्यादा से ऊपर नहीं हो सकता - विशेषकर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक समरसता की हो।”

    विषैले कंटेंट के खिलाफ VHP ने चलाया था अभियान

    विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि ऐसे कृत्यों में जिनकी संलिप्तता पाई जाए उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसी मानसिकता के कारोबार को बुलडोज किया जाना चाहिए। खासकर ऐसे लोग जो पब्लिक सेलिब्रिटी है। समाज को दिशा देने का दर्पण बन जाते हैं। फिर समाज व देश को बांटने और देशहित व अपनी संस्कृति से समझौता कर लेते हैं।

    वह ध्यान दिलाते हैं कि ओटीटी प्लेटफार्म पर ऐसी ही विषैले कंटेंट पर विहिप ने अभियान चलाया था। जिसपर कई प्लेटफार्म प्रतिबंधित किए गए तो कई ओटीटी प्लेटफार्म को कंटेंट हटाकर माफी मांगनी पड़ी। वह कहते हैं कि ऐसे मामलों में केंद्र सरकार के आइटी मंत्रालय को निगरानी रखने और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है। समाज को भी सजग रहना होगा।

    नियामक ढांचे की मांग

    प्रवीन खंडेलवाल कहते हैं कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स और इंफ्लुएंसर्स के लिए एक सुस्पष्ट और बाध्यकारी नियामक ढांचा तैयार करना अब समय की आवश्यकता है। इस ढांचे में निम्नलिखित प्रविधान शामिल होने चाहिए

    • ब्रांड प्रमोशन, पेड कंटेंट और राजनीतिक संबंधों का अनिवार्य प्रकटीकरण

    • झूठी जानकारी या उत्पीड़न के मामलों में शिकायत निवारण प्रणाली

    • प्लेटफार्म्स की जवाबदेही, जो बार-बार नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करें

    • राष्ट्रविरोधी, मानहानिकारक या समाज विरोधी गतिविधियों पर स्पष्ट रोक।

    खंडेलवाल ने कहा कि जिन कंटेंट क्रिएटर्स ने करोड़ों फालोअर्स के माध्यम से प्रभाव स्थापित किया है, उन्हें नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी के साथ व्यवहार करना होगा। डिजिटल प्लेटफार्म को “मनमानी और अराजकता का अड्डा” बनने नहीं दिया जा सकता।