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    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 जुलाई तक बढ़ी केजरीवाल की न्यायिक हिरासत, सिसोदिया और के कविता को भी नहीं मिली राहत

    Updated: Wed, 03 Jul 2024 10:38 PM (IST)

    आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया और बीआरएस नेता के. कविता को ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद तीनों आरोपितों की कोर्ट ने न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। दिल्ली सीएम को 12 जुलाई तक जेल में रहना होगा। जबकि सिसोदिया और कविता को 5 जुलाई तक न्यायिक हिरासत बढ़ाई है।

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    आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अदालत ने आरोपित। फाइल फोटो

    रीतिका, नई दिल्ली। आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अदालत ने आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal), पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और बीआरएस नेता के. कविता (BRS Leader K Kavita) की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है। तीनों आरोपितों की न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त हो रही थी। जिसके बाद ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष तीनों आरोपितों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया।

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    केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक

    ईडी ने अदालत से तीनों की हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया। अदालत ने ईडी की दलीलों को सुनने के बाद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 12 जुलाई तक और मनीष सिसोदिया और के. कविता की न्यायिक हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ा दी है।

    मेडिकल चेकअप के दौरान पत्नी सुनीता के मौजूद रहने उठाई मांग 

    वहीं, अदालत ने केजरीवाल की उस याचिका पर भी आदेश सुरक्षित रख लिया। जिसमें उन्होंने मेडिकल चेकअप के दौरान पत्नी सुनीता की अटेंडेंट के तौर पर मौजूद रहने की मांग की थी। कार्यवाही के दौरान केजरीवाल ने अदालत से बोलने की अनुमति मांगी, लेकिन अदालत ने कहा कि उनका प्रतिनिधित्व पहले से ही उनके वकीलों के जरिए किया जा रहा है।

    केजरीवाल ने कहा कि उनकी पत्नी ने वर्षों से उनके स्वास्थ्य के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और चूंकि उन्हें उनकी बीमारियों और मेडिकल इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी है, इसलिए उन्हें हर हफ्ते उनके मेडिकल रिकॉर्ड तक पहुंच प्रदान करना उचित और आवश्यक है।

    केजरीवाल ने पैसे मांगे थे-अदालत में ईडी

    केजरीवाल ने याचिका में कहा कि उनकी चिकित्सा देखभाल में पारदर्शिता न केवल एक कानूनी आवश्यकता है, बल्कि नैतिक चिकित्सा पद्धति का एक महत्वपूर्ण घटक भी है। इसलिए उपचार के सभी पहलुओं के बारे में उन्हें व उनकी पत्नी को विधिवत जानकारी दी जानी चाहिए, ताकि उनके स्वास्थ्य के बारे में सूचित निर्णय लेने की उनकी क्षमता सुनिश्चित हो सके। वहीं, ईडी ने केजरीवाल के आवेदन का विरोध किया।

    इससे पहले सुनवाई के दौरान ईडी अदालत को बताया था कि केजरीवाल को न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि पीएमएलए की धारा 70 के आधार पर भी आरोपित बनाया गया है। इस बात के सुबूत हैं कि केजरीवाल ने पैसे मांगे थे। ईडी ने दलील दी थी कि मनी लॉन्ड्रिंग का पैसा गोवा गया है। यह हवाला डीलरों के पास गया है। यह भी स्थापित हो चुका है कि बड़ी रकम नकद में दी गई थी।

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