JNUSU चुनाव में फिर बंपर वोटिंग, 70 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने डाले वोट; सोमवार को आएगा परिणाम
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में शुक्रवार को 69.6% से अधिक मतदान हुआ। लगभग 5500 छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। हालाँकि यह पिछले साल से कम है लेकिन 2012-13 के बाद सबसे अधिक है। अध्यक्ष सहित चार पदों के लिए 29 उम्मीदवार मैदान में हैं। मतों की गिनती शुरू हो चुकी है और नतीजे सोमवार को घोषित किए जाएंगे।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनूएसयू) चुनाव में शुक्रवार को छात्रों ने खूब वोट की चोट की। 69.6 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। मतदान के लिए 7900 मतदाता छात्र पंजीकृत थे। इनमें लगभग 5500 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। पिछले साल के 73 प्रतिशत के मुकाबले मतदान कम हुआ है। हालांकि, 2012-13 से 2023-24 तक यह मतदान सर्वाधिक है। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। शुरुआत में एक केंद्र पर मतदान देरी से शुरू हुआ।
मतदान के लिए स्कूल आफ लैंग्वेज, स्कल आफ सोशल साइंस एक और दो और स्कूल आफ इंटरनेशनल स्टडीज चार केंद्र बनाए गए थे। जहां अलग-अलग पोलिंग बूथ की व्यवस्था की गई थी। मतदान सुबह 9 बजे से शुरू होना था। स्कूल आफ लैंग्वेज के केंद्र पर बैलेट पेपर पर दो काउंसलर के नाम नहीं थे। इसके चलते मतदान शुरू होने में समय लग गया। केंद्र पर सुबह 11 बजे मतदान शुरू हो सका। बाकि केंद्रों पर भी आधे घंटे देरी से ही मतदान शुरू हुआ।
गर्मी की वजह से मतदान में हुई देरी
छात्र सुबह से ही केंद्रों पर एकत्र हो गए थे। उन्हें केंद्र पर मतदान देरी से शुरू होने से निराशा हुई। 12 बजे मतदान के लिए छात्रों की कतारें बढ़ने लगीं। यह सिलसिला डेढ़ बजे तक जारी रहा। अत्यधिक गर्मी और मतदान में देरी से छात्रों को थोड़ी परेशानी जरूर हुई। दूसरी पाली में ढाई बजे से मतदान शुरू। देर शाम 6.30 बजे तक चला।
एक केंद्र पर देरी के चलते मतदान आठ बजे तक हुआ। गर्मी कम होने का इंतजार कर रहे छात्र शाम को पांच बजे के बाद मतदान के लिए निकले। कुछ दिव्यांग छात्रों ने मतदान में सही व्यवस्था न करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें वाट डालने मे अधिक वक्त देना पड़ा। सुविधाएं बढ़ाने पर चुनाव समिति को जोर देना चाहिए।
चार पदों के लिए 29 उम्मीदवार हैं मैदान में
जेएनयूएसयू चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए 29 उम्मीदवार मैदान में हैं। साथ ही 42 काउंसलर के पदों के लिए 200 के करीब उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इस बार वाम छात्र संगठनों का गठबंधन टूट गया है। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) व डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) ने यूनाइटेड लेफ्ट पैनल बनाया है।
दूसरी ओर, स्टूडेंट्स फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ), आल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआइएसएफ), बिरसा मुंडे फुले आंबेडकर स्टूडेंट्स यूनियन (बापसा) और प्रोगेसिव स्टूडेंट्स असोसिएशन (पीएसए) का दूसरा गठबंधन है। ये दोनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ मैदान में हैं। अब चुनाव के परिणाम 28 अप्रैल को जारी किए जाएंगे। पहले काउंसलर के पदों के उम्मीदवारों के मतों की गिनती होगी। जिसे शुक्रवार देर रात से ही शुरू कर दिया गया है। सोमवार को अंतिम नतीजे जारी होंगे।
सभी छात्र संगठन अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। लेकिन, देखना दिलचस्प होगा कि जीत का सहरा किसके सर बंधता है। वाम संगठनों में फूट से एबीवीपी को जीत की उम्मीद नजर आ रही है। 2015-16 के बाद से एबीवीपी कोई पद सेंट्रल पैनल में नहीं जीती है।
ढोल नगाड़ों से गूंजता रहा परिसर
जेएनयूएसयू चुनाव में मतदान के दौरान लोकतंत्र की जीवंतता खूब दिखाई दी। छात्र संगठन के पदाधिकारियों के साथ निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थक जुलूस निकालकर वोट मांगते नजर आते रहे। हर छात्र संगठन गगनभेदी नारों से छात्रों को अपनी विचारधारा में मतदान के लिए प्रेरित करता रहा।
सुबह 9 बजे से बजना शुरू हुए ढोल नगाड़े देर शाम तक बजते रहे। वोट मांगने का अनूठा तरीका जेएनयूएसयू चुनाव में ही दिखाई देता है। इस दौरान एक दूसरे से कोई टकराव कहीं नजर नहीं आया। उम्मीदवार एक केंद्र से दूसरे केंद्र तक घूमते रहे। समर्थक अपने प्रत्याशियों के नामों की पर्चे कतारों में खड़े मतदाताओं को थमाते रहे।
पिछले 10 सालों में जेएनयूएसयू चुनाव में मतदान का प्रतिशत
वर्ष | प्रतिशत (%) |
---|---|
2023-2024 | 73 |
2019-2020 | 67.9 |
2018-2019 | 67.8 |
2017-2018 | 58.69 |
2016-2017 | 59 |
2015-2016 | 55 |
2014-2015 | 55 |
2013-2014 | 55 |
2012-2013 | 60 |
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