JNU Student Protest: छात्रसंघ की भूख हड़ताल 12वें दिन भी जारी, 'माफीनामा' जैसे शपथपत्र को किया खारिज
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की भूख हड़ताल 12वें दिन भी जारी रही। छात्र छात्रावास विस्तार के लिए शपथपत्र का विरोध कर रहे हैं। छात्रसंघ ने प्रशासन पर छात्रों को झुकाने और रिसर्च स्कालर्स को ड्रापआउट के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। जेएनयूईई बहाल करने की मांग के साथ भूख हड़ताल जारी है और शिक्षकों से समर्थन मांगा गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल मंगलवार को 12वें दिन भी जारी रही। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रावास विस्तार के लिए जारी किए गए "माफीनामा" जैसे शपथपत्र को सिरे से खारिज कर दिया है।
छात्रसंघ ने आरोप लगाया कि सात जुलाई को डीन आफ स्टूडेंट्स (डीओएस) से मुलाकात के दौरान उन्होंने मांग की थी कि शैक्षणिक विस्तार के साथ स्वतः छात्रावास विस्तार दिया जाए, लेकिन प्रशासन ने छात्रों को एक ऐसा शपथपत्र भरने को कहा जिसमें उन्हें “मानवीय आधार पर विश्वविद्यालय के प्रति कृतज्ञता” जतानी होगी और पीएचडी सबमिशन की अंतिम तिथि बतानी होगी, अन्यथा छात्रावास सुविधा समाप्त कर दी जाएगी।
वहीं, जिन छात्रों की पीएचडी पूरी करने की अवधिक निकल गई थी, विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें छात्रावास खाली करने के नोटिस भेजे गए थे। अब माफीनामा लिखने को बोला जा रहा है। जेएनयूएसयू ने कहा कि विश्वविद्यालय छात्रों को झुकाना चाहता है।
छात्रसंघ ने बयान में कहा, प्रशासन यह मांग रहा है कि छात्र अंतिम जमा तिथि बताएं, जबकि गैर-नेट स्कालर को मात्र आठ हजार प्रति माह मिलते हैं, प्रयोगशालाओं में उपकरणों की कमी है, फील्डवर्क में समय लगता है और कई बार उपकरण या केमिकल के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में शोध कार्य प्रभावित होना स्वाभाविक है।
छात्रसंघ ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में रिसर्च स्कालर्स को जबरन ड्रापआउट के लिए मजबूर किया जा रहा है। भूख हड़ताल कर रहे छात्रों की सेहत तेजी से खराब हो रही है। छात्रसंघ अध्यक्ष को सोमवार रात सीने में तेज दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा, लेकिन उन्होंने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है। साबरमती टी प्वाइंट पर छात्र हड़ताल पर बैठे हैं। नौ छात्रों ने हड़ताल शुरू की थी। पांच बीमार होने के चलते अनशन से हट गए।
अब जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार सहित चार छात्र डटे हुए हैं। उन्होंने जेएनयू प्रवेश परीक्षा (जेएनयूईई) को बहाल करने, छात्रवृत्ति की राशि बढ़ाने जैसी मांगें पूरी होने करने की बात दोहराई है।
शिक्षकों को लिखा खुला पत्र, मांगा समर्थन
उधर, जेएनयूएसयू ने मंगलवार को शिक्षकों को खुला पत्र लिखकर समर्थन मांगा है। उन्होंने शिक्षक समुदाय से हड़ताल में एक दिन का उपवास रखकर भाग लेने का अनुरोध किया है। भूख हड़ताल में भोजन गृहण करने के आरोपों के बाद हड़ताली छात्रों ने अपने मेडिकल सर्टिफिकेट शिक्षकों व इंटरनेट मीडिया पर साझा किए हैं।
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