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    JNU पुस्तकालय विवाद समाधान के लिए समिति का गठन, छात्र संघ का विरोध जारी

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पुस्तकालय में प्रवेश को लेकर विवाद बढ़ गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक समिति गठित की है जो सभी पक्षों से बात करके सिफारिशें देगी। छात्र संघ चेहरे की पहचान प्रणाली का विरोध कर रहा है और उसने प्रदर्शन भी किए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।

    By uday jagtap Edited By: Rajesh Kumar Updated: Mon, 25 Aug 2025 09:48 PM (IST)
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    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पुस्तकालय में प्रवेश को लेकर विवाद बढ़ गया है। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के डॉ. बीआर अंबेडकर केंद्रीय पुस्तकालय में प्रवेश के लिए बनाई जा रही हाईटेक व्यवस्था पर उठे विवाद को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि समिति सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श के बाद अपनी सिफारिशें सौंपेगी। तब तक प्रवेश की मौजूदा व्यवस्था बरकरार रहेगी।

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    जेएनयू प्रशासन ने छात्रों और अन्य हितधारकों से किसी भी प्रकार की अनधिकृत गतिविधियों से बचने और पुस्तकालय के सुचारू संचालन में सहयोग करने की अपील की है। अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से लिया गया है।

    विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि समिति की सिफारिशों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। पुस्तकालय में छात्रों के प्रवेश के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया जा रहा है। छात्रों के चेहरे की पहचान के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा।

    जेएनयू छात्र संघ इस बदलाव का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि इसके लिए उनसे कोई चर्चा नहीं की गई है। जब से यह काम शुरू हुआ है, छात्र संघ के पदाधिकारी हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं। दो दिन पहले जेएनयूएसयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और उनके साथियों ने लाइब्रेरी में काम शुरू होने पर विरोध प्रदर्शन किया था। उन्होंने लाइब्रेरी के प्रवेश द्वार का शीशा तोड़ दिया था।

    इसमें नीतीश घायल भी हुए थे। जेएनयूएसयू ने दलील दी थी कि शीशा इसलिए तोड़ा गया क्योंकि छात्रों को बाहर नहीं आने दिया जा रहा था। छात्र लगातार लाइब्रेरी की बैठने की क्षमता 1000 करने, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष व्यवस्था करने और कार्यवाहक लाइब्रेरियन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

    उधर, लाइब्रेरी प्रमुख प्रो. मनोरमा त्रिपाठी ने प्रॉक्टर ऑफिस से तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उनका कहना है कि नई व्यवस्था पर 30 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। अगर इसे लागू नहीं किया गया तो यह रकम बेकार चली जाएगी। नई व्यवस्था सिर्फ छात्रों की सुरक्षा के लिए है। अब जेएनयू प्रशासन की ओर से एक कमेटी बनाई गई है।