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JNU ने छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष को जारी किया कारण बताओ नोटिस, 21 जून तक मांगा जवाब

जेएनयू प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष समेत कई अन्य छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जेएनयू ने प्रदर्शन को अनुशासनहीन और दुराचरण वाला बताया है। आयशी घोष को 21 जून तक जवाब देने के लिए कहा गया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 09:52 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 11:00 PM (IST)
JNU ने छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष को जारी किया कारण बताओ नोटिस, 21 जून तक मांगा जवाब
21 जून तक नोटिस का जवाब देने के निर्देश

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। वर्ष 2018 में किए गए प्रदर्शन के सिलसिले में जेएनयू प्रशासन ने छात्रसंघ अध्यक्ष आयशी घोष समेत कई अन्य छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जेएनयू ने प्रदर्शन को अनुशासनहीन और दुराचरण वाला बताया है। आयशी घोष को 21 जून तक जवाब देने के लिए कहा गया। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि पांच दिसंबर 2018 को स्कूल आफ सोशल साइंस के बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक के दौरान प्रदर्शन किए गए थे। इससे बैठक भी बाधित हुई थी। नोटिस में कहा गया है कि इस तरह की गतिविधियां खतरनाक हैं एवं विवि के नियमों के खिलाफ है। विवि के संविधान का हवाला देते हुए प्रदर्शन को अनुशासनहीन बताया गया है। कहा गया कि क्यों ना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

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आयशी घोष को 21 जून को शाम पांच बजे तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में जिक्र है कि जवाब नहीं देने की स्थिति में यह मान लिया जाएगा कि आयशी घोष के पास अपने बचाव में कहने के लिए कुछ नहीं है। ऐसी स्थिति में विवि प्रशासन आवश्यक कार्रवाई करेगा।

तीन साल के लंबे अंतराल के बाद नोटिस भेजने के सवाल पर विवि के प्राक्टर प्रो रजनीश कुमार मिश्रा ने कहा कि छात्रों ने फीस वृद्धि के मसले पर विवि को लंबे समय तक ब्लाक कर दिया था। इस दौरान कई गड़बड़ी भी की गई थी। वर्ष 2020 से कोरोना संक्रमण के मामलों के चलते जांच की प्रक्रिया बाधित हो गई थी। जिसे अब शुरू किया गया है तो नोटिस भेजा गया है।

वहीं नोटिस पर जवाब देते हुए आयशी घोष ने फेसबुक पोस्ट लिखा। जिसमें कहा कि कोरोना काल में जेएनयू में प्रशासनिक कार्य बाधित है। छात्रवृत्ति नहीं दी जा रही हैं। प्रथम वर्ष के छात्रों को छात्रावास आवंटित नहीं किया जा रहा। छात्रों को टीका नहीं लगाया गया। लेकिन चीफ प्राक्टर कार्यालय छात्रों को दंडित करने के लिए निरंतर कार्य कर रहा है।


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