JNU अस्पताल में एच3एन2 फ्लू का प्रकोप, प्रशासन ने दी छात्रों को सतर्क रहने की सलाह
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्वास्थ्य केंद्र ने एच3एन2 फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यह वायरस तेजी से फैलता है और बुजुर्गों बच्चों और बीमार लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। लक्षणों में बुखार खांसी और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्वास्थ्य केंद्र ने एच3एन2 फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य केंद्र ने कहा है कि यह वायरस बेहद संक्रामक है और खांसने, छींकने या बोलने से निकलने वाली बूंदों के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। दूषित सतहों के संपर्क में आने से भी संक्रमण का खतरा होता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फ्लू आमतौर पर हल्का होता है, लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों में यह गंभीर हो सकता है।
स्वास्थ्य केंद्र ने छात्रों से आग्रह किया है कि वे लक्षण दिखने पर तुरंत विश्वविद्यालय स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें ताकि समय पर इलाज सुनिश्चित हो सके। जेएनयू प्रशासन ने छात्रों से लापरवाही न बरतने और लक्षण दिखाई देते ही स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर इलाज शुरू करने का आग्रह किया है।
लक्षणों को नजरअंदाज न करें
एच3एन2 फ्लू के मुख्य लक्षणों में तेज़ बुखार, नाक बहना, लगातार खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द, कमज़ोरी और थकान शामिल हैं। गंभीर मामलों में, साँस लेने में तकलीफ़ भी हो सकती है।
निवारक उपाय
- स्वास्थ्य केंद्र छात्रों को फ्लू से बचाव के लिए इन सावधानियों का पालन करने की सलाह देता है।
- संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें।
- साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं।
- खाँसते या छींकते समय अपना मुंह रूमाल या टिशू पेपर से ढकें।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें।
- पर्याप्त आराम करें और नींद लें।
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