JNU में अनुशासनहीनता के लिए एक छात्र को 'परिसर से बाहर' घोषित किया, तस्वीरें नोटिस बोर्ड पर लगाई
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अनुशासनहीनता के आरोप में एक छात्र को परिसर से निष्कासित कर दिया है। छात्र पर वार्डन और सुरक्षाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है। विश्वविद्यालय ने छात्र की तस्वीरें नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दी हैं और उस पर 15000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जेएनयू ने पहले भी छात्रों पर कार्रवाई की है लेकिन इस बार तस्वीरें चस्पा करना असामान्य है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने एक कठोर कदम उठाते हुए एक छात्र को अनुशासनात्मक उल्लंघनों के लिए 'परिसर से बाहर' घोषित किया है और उसकी तस्वीरें परिसर के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की हैं।
स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में एमएस (मैनेजमेंट) का यह छात्र कथित तौर पर हास्टल वार्डन और मुख्य प्राक्टर के खिलाफ अपमानजनक भाषा का उपयोग करने, वार्डन के कार्यालय में धूमपान करने और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार करने का दोषी पाया गया है।
मुख्य प्रॉक्टर कार्यालय द्वारा 22 सितंबर को जारी आदेश के अनुसार, छात्र पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। प्राक्टोरियल जांच में छात्र को 17 मई को किए गए कई उल्लंघनों का दोषी पाया गया।
इनमें ताप्ती हास्टल के विजिटर कक्ष में सोफा कवर फाड़ना, एक सुरक्षा गार्ड का फोन तोड़ना, महिला वार्डन और 22 अगस्त व तीन सितंबर को मुख्य प्राक्टर को भेजे गए ईमेल में अश्लील और अपमानजनक भाषा का उपयोग शामिल है।
आदेश में कहा गया है, "ऐसी गतिविधियां खतरनाक हैं और जेएनयू के छात्र के लिए अशोभनीय हैं। यह विश्वविद्यालय के नियमों की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत आता है।"
आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति इस छात्र को किसी हास्टल या आवास में आश्रय देता पाया गया, तो उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। परिसर के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित दूसरे नोटिस में छात्र की कई तस्वीरें शामिल हैं, जिसे संकाय सदस्यों और छात्रों ने "असामान्य" बताया है।
नोटिस में सुरक्षा और हास्टल कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि वे छात्र को परिसर में प्रवेश करने से रोकें। मुख्य प्राक्टर कार्यालय ने छात्र को जुर्माना जमा करने के लिए 10 दिन का समय दिया है, और अनुशासनात्मक कार्रवाई के खिलाफ अपील 20 दिनों से अधिक समय तक स्वीकार नहीं की जाएगी।
जेएनयू ने पहले भी छात्रों को परिसर से बाहर घोषित किया है या दुराचार के लिए जुर्माना लगाया है, लेकिन परिसर में किसी छात्र की तस्वीरें चस्पा नहीं की गई हैं। इस मामले विश्वविद्यालय ने काफ़ी गंभीरता से लिया है।
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