Delhi News: जेएनयू में देश की पहली पशु कल्याण सोसायटी गठित, जानिए क्या होंगे समिति के काम?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने पशु कल्याण सोसाइटी की स्थापना की है जो यूजीसी और शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों का पालन करती है। कुलपति प्रो. शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने नैतिक मूल्यों पर जोर दिया। जेएनयू का दावा है कि यह भारत की पहली विश्वविद्यालय पशु कल्याण सोसाइटी है। सोसाइटी का उद्देश्य पशु कल्याण और पर्यावरण स्थिरता को बढ़ावा देना है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने विश्वविद्यालय में पशु कल्याण सोसाइटी का गठन किया। विश्वविद्यालय के मुताबिक ये सोसाइटी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और शिक्षा मंत्रालय के निर्देशों के अनुरूप है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 की भावना के तहत स्थापित की गई है।
जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने कहा कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें नैतिक मूल्यों और सहानुभूति को भी जगह मिलनी चाहिए। जेएनयू का दावा है कि ये भारत के विश्वविद्यालय में गठित पहली पशु कल्याण सोसाइटी है।
कुलपति ने कहा कि सोसाइटी गठित करने के पीछे का लक्ष्य था कि शिक्षा और शोध के साथ-साथ जानवरों के कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता को भी विश्वविद्यालय में समान महत्व मिले। उन्होंने कहा कि पहले से सक्रिय एनिमल बर्थ पशु जन्म नियंत्रण (एडब्ल्यूएस) समिति ने मानव-जानवर संघर्ष को कम करने में अहम योगदान दिया है और अब नवगठित एडब्ल्यूएस- जेएनयू इसे और व्यापक रूप देगा।
एडब्ल्यूएस- जेएनयू के अध्यक्ष प्रो. पीयूष प्रताप सिंह होंगे, जिनके नेतृत्व में सोसाइटी कई नए कार्यक्रम संचालित करेगी। इसके साथ ही, भारतीय पशु कल्याण कार्यकर्ता गौरी मौलेखी और विपुल जैन बाहरी सलाहकार के रूप में जुड़ेंगे।
समिति के कार्य-
- विश्वविद्यालय कैंपस में खाने के लिए तय जगह (फीडिंग जोन)
- घायल पशुओं के लिए फर्स्ट-एड टीम
- पशु कानून, प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण पर शोध और प्रोजेक्ट्स
- पशु अस्पतालों, एसपीसीए और वन विभाग के साथ इंटर्नशिप और फील्ड विजिट जैसी गतिविधियां
- समुदाय में सहानुभूति और जागरूकता फैलाने के लिए गतिविधियां
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