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    JNU में जातिसूचक टिप्पणी पर दो छात्र बैन, विश्वविद्यालय ने सभी स्टूडेंट्स के लिए जारी की चेतावनी

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 08:46 PM (IST)

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने डॉ. भीमराव अंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में जातिसूचक गालियां लिखने के दोषी दो पूर्व छात्रों को परिसर में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया है। सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने के बाद छात्रों ने विरोध दर्ज कराया और विश्वविद्यालय ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। प्रशासन ने दुर्व्यवहार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।

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    जेएनयू में जातिसूचक अपशब्द लिखने पर दो पूर्व छात्रों पर पाबंदी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में समावेश और समानता को ठेस पहुंचाने वालों पर कार्रवाई की गई है। जेएनयू प्रशासन ने डा. भीमराव आंबेडकर सेंट्रल लाइब्रेरी में जातिसूचक गालियां लिखने के दोषी दो पूर्व छात्रों को परिसर में प्रवेश से प्रतिबंधित कर दिया है।

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    यह घटना 18 अगस्त को हुई थी। चीफ सिक्यारिटी ऑफिसर की 20 अगस्त की रिपोर्ट में शिवांग दुबे और यश की पहचान हुई, जिन्होंने रीडिंग रूम की एक मेज पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।

    सीसीटीवी फुटेज से पहचान होने के बाद छात्रों ने विरोध दर्ज कराया और विश्वविद्यालय ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। फिलहाल पुलिस कार्रवाई का इंतजार है।

    मुख्य प्रॉक्टर कार्यालय ने आदेश जारी कर कहा कि यह कृत्य जेएनयू के मूल्यों के खिलाफ है और इससे अशांति फैल सकती थी। आदेश में चेतावनी दी गई है कि यदि कोई इन व्यक्तियों को परिसर में शरण देता है तो उसके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

    प्रशासन ने साफ किया है कि दुर्व्यवहार पर जीरो टालरेंस की नीति अपनाई जाएगी और सभी छात्रों व हितधारकों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सुरक्षा शाखा को दें।

    बता दें कि सेंट्रंल लाइब्रेरी की मेज पर जातिसूचक शब्द लिखे गए थे। इसकी जेएनयू छात्र संघ ने निंदा करते हुए प्रदर्शन किया था। साथ ही कार्रवाई के लिए पुलिस को शिकायत भी की थी।