JNU Admissions 2022: जेएनयू में दाखिले के लिए इन छात्रों को जेब करनी पड़ेगी ढीली, CUET के माध्यम से होंगे एडमिशन
JNU Admissions 2022 जेएनयू में प्रवेश के लिए विदेशी छात्रों को अब अधिक ट्यूशन फीस चुकानी होगी। यह बढ़ोतरी केवल विदेशी छात्रों के लिए की गई है। पिछले वर्ष विज्ञान संकाय के लिए विदेशी छात्रों से ट्यूशन फीस 1733 डालर वसूली जाती थी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में दाखिले इस बार विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) से होंगे। जेएनयू ने ई-प्रास्पेक्टस जारी कर दिया है। एमए, एमएससी, एमसीए, एमटेक, पीजी डिप्लोमा, एडवांस डिप्लोमा में सीयूईटी से दाखिले दिए जाएंगे।
एमएससी इन बायोटेक्नोलाजी, एमएससी इन कंप्यूटेशनल बायोलाजी में जीएटी-बी (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट-बायोटेक्नोलाजी) और एमबीए पाठ्यक्रमों में कामन एडमिशन टेस्ट (सीएटी) से छात्र दाखिला ले सकेंगे। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि सीयूईटी अंकों के आधार पर दाखिले दिए जाएंगे।
प्रास्पेक्टस पर गौर करें तो पता चलता है कि विगत वर्ष के मुकाबले विदेशी छात्रों को दाखिले के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। ट्यूशन फीस बढ़ा दी गई है। यह बढ़ोतरी केवल विदेशी छात्रों के लिए की गई है। गत वर्ष विज्ञान संकाय के लिए विदेशी छात्रों से ट्यूशन फीस 1733 डालर वसूली जाती थी। जबकि मानविकी और सामाजिक विज्ञान की ट्यूशन फीस 1155 डालर निर्धारित थी। अबकी बार इन दोनों संकाय के लिए क्रमश: 1906 और 1271 डालर लिए जाएंगे।
शोध को बढ़ावा देने के लिए जल्द शुरू होंगे केंद्र व चेयर
जेएनयू) शोध को बढ़ावा देने के लिए नए केंद्र एवं चेयर शुरू करेगा। इसके लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि डा. भीमराव अंबेडकर चेयर एवं केंद्र शुरू हो चुका है। विगत दिनों मंगोलिया विवि के साथ भी समझौता ज्ञापन को लेकर लंबी बातचीत हुई। दोनों संस्थान मंगोल भाषा में शोध को लेकर एक चेयर शुरू करने को लेकर संभावना तलाश रहे हैं। जेएनयू बहुत जल्द कोरिया नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के साथ भी करार करने वाला है।
डिफेंस यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में जेएनयू की कुलपति प्रो. शांतिश्री पंडित से मुलाकात भी की थी। कोरियाई विवि, जेएनयू के स्पेशल सेंटर फार नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज के साथ मिलकर संयुक्त शोध का पक्षधर है। रूस के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों व शोधार्थियों का प्रतिनिधिमंडल भी जेएनयू कुलपति से मिला। रूसी दूतावास के अधिकारी भी इस दौरे का हिस्सा बने। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि बहुत जल्द केंद्र शुरू किए जाएंगे।
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