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    जन्माष्टमी की आहट से सजी दिल्ली, बाजारों में गूंजी मुरली की तान; जमकर बन रहा माखन-मिश्री का प्रसाद

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 11:55 PM (IST)

    दिल्ली में जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। 16 अगस्त को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव है जिसके लिए मंदिरों और घरों में विशेष तैयारियाँ चल रही हैं। बाजारों में कृष्ण की मूर्तियाँ पोशाकें और सजावटी सामान खूब बिक रहे हैं। भक्त उपवास रख रहे हैं भजन गा रहे हैं और मंदिरों को सजा रहे हैं। इस अवसर पर माखन-मिश्री का प्रसाद बनाया जा रहा है।

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    जन्माष्टमी की आहट से सजी दिल्ली, बाजारों में गूंजी मुरली की तान।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली इन दिनों श्रीकृष्ण भक्ति में डूबी हुई है। जन्माष्टमी का पर्व इस बार 16 अगस्त को पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों से लेकर घर-घर तक तैयारियां जोरों पर हैं। भक्तजन उपवास, कीर्तन, नृत्य और सजावट के माध्यम से नंदलाल के आगमन की खुशी मना रहे हैं।

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    जन्माष्टमी से पूर्व दिल्ली के प्रमुख बाजारों चांदनी चौक, किरानी बाजार, सदर बाजार और करोल बाग में रौनक देखते ही बन रही है। हर ओर से मुरली की मधुर ध्वनि और राधे-कृष्ण के भजन गूंज रहे हैं। दुकानों पर भगवान कृष्ण की विभिन्न मुद्राओं वाली प्रतिमाएं, लड्डू गोपाल की रंग-बिरंगी पोशाकें, मुकुट, बांसुरी, मोरपंख और झूले की बिक्री जोरों पर है। खासकर लड्डू गोपाल की आकर्षक पोशाकें और सोने-चांदी के वर्क से सजे आभूषण ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं।

    किरानी बाजार में सजावटी झूले और बांसुरी की विशेष मांग है, जबकि चांदनी चौक में हस्तनिर्मित मुकुट और मोरपंख की बिक्री बढ़ गई है। कई दुकानें तो पूरी तरह कृष्ण-थीम पर सजाई गई हैं, जहां ग्राहक पूजा सामग्री से लेकर सजावट का हर सामान एक ही स्थान पर खरीद पा रहे हैं।

    भक्त न केवल घरों को सुंदर बना रहे हैं, बल्कि मंदिरों में भी विशेष झांकियों और श्रृंगार की तैयारी हो रही है। जन्माष्टमी की रात को बारह बजे भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर मिष्ठान, विशेषकर माखन-मिश्री और पंजीरी का प्रसाद तैयार कर भोग लगाया जाएगा।

    दिल्ली के बाजारों में इस समय केवल खरीदारी ही नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक माहौल भी महसूस किया जा सकता है। ऐसा लगता है मानो पूरी दिल्ली नंदलाल के स्वागत में भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गई हो। जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर राजधानी के मंदिर और बाजार दोनों ही कृष्ण प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।