जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चार दशक बाद खुलने जा रहा ये विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने दी छह पदों को मंजूरी
चार दशकों के इंतजार के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग स्थापित होगा। शिक्षा मंत्रालय ने छह शिक्षण पदों को मंजूरी दी है। कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने इस पहल के लिए आभार जताया। रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कहा कि यह विकास विश्वविद्यालय को और समृद्ध करेगा। पुस्तकालय अनुसंधान की दिशा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली: चार दशकों के इंतजार के बाद आखिरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया अपने परिसर में पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग स्थापित करने के लिए तैयार है।
इसके लिए शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालय में छह शिक्षण पदों को मंजूरी दी है। जामिया में 1985 से स्थायी संकाय सदस्यों के बिना बैचलर आफ लाइब्रेरी एंड इंफार्मेशन साइंस (बी. लिब. आईएससी) पाठ्यक्रम संचालित है।
संकाय पदों की मंजूरी के लिए कुलपति प्रो, मजहर आसिफ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का आभार जताया है।
कुलपति प्रो. आसिफ ने कहा कि शैक्षणिक जीवन की आधारशिला होने के नाते पुस्तकालय अनुसंधान की दिशा को आकार देते हैं और विशेष रूप से सूचना युग में ज्ञान को आगे बढ़ाने में केंद्रीय भूमिका निभाते हैं।
भारतीय ज्ञान प्रणालियों के अध्ययन आगे बढ़ेगा
ऐसे में पुस्तकालय विज्ञान का एक पूर्ण विभाग स्थापित करके पुस्तकालय अध्यक्षता और सूचना विज्ञान में शिक्षण को सुदृढ़ करना है। इस प्रस्तावित विभाग के संकाय और छात्र भारतीय ज्ञान प्रणालियों के अध्ययन को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।
वहीं रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवी ने कहा कि यह विकास 105 साल पुराने विश्वविद्यालय को और अधिक समृद्ध करेगा, जिसका केंद्रीय पुस्तकालय 1920 में ही स्थापित किया गया था, जो इसकी स्थापना का भी वर्ष था।
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