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    दिल्ली में निजी संपत्ति पर झुग्गियों को बसाने का चल रहा धंधा, सरकारी नियम-कायदों की उड़ रही धज्जियां

    Updated: Sun, 10 Aug 2025 07:46 AM (IST)

    दिल्ली में निजी संपत्तियों पर अवैध झुग्गियों का कारोबार तेज़ी से चल रहा है। मकान मालिक लागत बचाने के लिए नियमों को ताक पर रखकर झुग्गियां बना रहे हैं और किराए पर दे रहे हैं। इन झुग्गियों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा खतरे में है और ये अवैध ठिकाने घुसपैठियों के लिए सुरक्षित आश्रय बन गए हैं।

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    जैतपुर हरिनगर गांव में समाधि स्थल की दीवार गिरने के बाद मलबा हटवाती हुई एनडीआरएफ की टीम।

    शनि पाथौली जागरण, दक्षिणी दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बड़े स्तर पर सरकारी जमीन पर तो कब्जा कर अवैध रूप से झुग्गियां बना दी गई हैं। अब लोग अपनी निजी संपत्ति पर भी अवैध झुग्गियों को बसा रहे हैं।

    यह धंधा दिल्ली के अलग अलग इलाकों में धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसमें अपने प्लॉट पर झुग्गी बनवाने वाला मालिक न तो इनमें रहने वाले परिवारों की जान की चिंता कर रहा है और न ही उन्हें सरकारी नियम-कायदों की फिक्र है।

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    जैतपुर के हरिनगर में हुआ हादसा काफी हद तक इसी अनदेखी और लापरवाही का कारण माना जा सकता है। दिल्ली में विभिन्न जगहों पर सरकारी जमीन पर कब्जा कर झुग्गियां बना दी गई दी गई हैं। इन्हें हटाना बहुत मुश्किल बड़ी चुनौती बन चुका है। अब दिल्ली में निजी प्लॉट पर भी अवैध झुग्गियों को बसाना शुरू कर दिया गया है।

    निजी संपत्ति के मालिक मकान की लागत सहित अन्य जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बजाए अपने प्लॉट पर झुग्गियां बनाकर उन्हें किराए पर दे रहें हैं। इसके एवज में वह 300 से 500 रुपये महीना तक किराया वसूलते हैं।

    इस तरह के अस्थाई ठिकानों पर बिजली व पानी भी अवैध रूप से ही सप्लाई होता है। जबकि इन टीनशेड की झुग्गियों में रहने वाले परिवारों की जान हर समय जोखिम में रहती है। इसकी चिंता न तो रहने वाले करते हैं, चूंकि उन्हें कम पैसों में ठिकाना मिल जाता है। इसके अलावा प्लॉट मालिक अपने किराए के लालच में झुग्गियां बना देता हैं।

    दिल्ली के अधिकतर गांवों में जोरशोर से चल रहा धंधा

    निजी प्लॉट पर झुग्गियों बसाकर उनसे किराया वसूलने का धंधा केवल दक्षिणी दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। यह पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में फैला है। दक्षिणी दिल्ली में मदनपुर खादर, कालिंदी कुंज, हरकेश नगर, ओखला, तुगलकाबाद, बदरपुर, मीठापुर, हुमायूंपुर सहित अन्य जगहों पर प्लॉट में ई रिक्शा चालक सहित अन्य लोगों को झुग्गी के रूप में ठिकाने दिए गए हैं।

    बांग्लादेशियों घुसपैठियों व रोहिंग्या के लिए सुरक्षित ठिकाना 

    निजी संपत्ति पर बन रही अवैध झुग्गियां बांग्लादेशियों घुसपैठियों व रोहिंग्या के लिए सबसे सुरक्षित ठिकाना है। जो लोग इन्हें बार्डर पार से लेकर आते हैं, उनका आधार कार्ड बंगाल का बनवा देते हैं।

    फिर दिल्ली में सक्रिय एजेंट कई बड़े प्रोपर्टी मालिकों के संपर्क में रहते हैं। वह संपत्ति के मालिक से कमीशन पर बात कर अपने नाम पर प्लॉट में बनी झुग्गियों का किराया वसूलते हैं। कई बार पुलिस इनमें रहने वालों की वेरिफिकेशन भी नहीं करती है।

    किसी के लिए भी अपनी निजी संपत्ति पर 20-20 झुग्गियां बनाना अवैध हैं। इनके लिए बिजली व पानी कनेक्शन भी चाहिए, जो कि होता ही नहीं होगा। इनकी आपूर्ति भी अवैध रूप से की जाती होगी। निजी प्लॉट पर बनी अवैध झुग्गियों के लिए संबंधित जिले का प्रशासन व संपत्ति का मालिक जिम्मेदार है। आदेश गुप्ता, पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, दिल्ली भाजपा