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    अरविंद केजरीवाल के लिए आपस में टकराएंगे दिग्गज कांग्रेसी, जानें- पूरा मामला

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 31 Aug 2018 12:57 PM (IST)

    कपिल सिब्बल एवं चिदंबरम बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के पक्ष में कोर्ट में पेश हुए थे। वहीं, अभिषेक मनु सिंघवी निजी कंपनी की ओर से हैं। ...और पढ़ें

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    अरविंद केजरीवाल के लिए आपस में टकराएंगे दिग्गज कांग्रेसी, जानें- पूरा मामला

    नई दिल्ली (प्रेट्र)। सुप्रीम कोर्ट में बिजली वितरण कंपनियों से जुड़े एक मामले में अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल एवं पी चिदंबरम जैसे कांग्रेस के दिग्ग्ज नेता वकील की भूमिका में एक दूसरे के खिलाफ कानूनी दांव पेच आजमाएंगे। जस्टिस एके सीकरी एवं जस्टिस अशोक भूषण की पीठ से सिंघवी ने मजाकिया ढंग से कहा कि वह बिजली वितरण कंपनी के लिए पेश होंगे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि चिदंबरम दूसरे पक्ष से खड़े हो सकते हैं तो मैं भी किसी निजी कंपनी की ओर से खड़ा हो सकता हूं।

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    सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के प्रशासनिक एवं विधायी नियंत्रण से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहा है। कोर्ट को उस मामले का निस्तारण करना है, जिसमें दिल्ली सरकार ने विद्युत नियामक आयोग को यह अधिकार देने का निर्णय किया है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर वह वितरण कंपनी पर जुर्माना लगा सकता है।

    वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल एवं चिदंबरम बृहस्पतिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के पक्ष में कोर्ट में पेश हुए थे। कपिल सिब्बल के पुत्र अमित सिब्बल ने केजरीवाल एवं अन्य आम आदमी पार्टी नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा डाला था, किंतु माफी मांगने के बाद उन्होंने मामला वापस ले लिया।

    अफसरों का तबादला कर सकती है दिल्ली सरकार

    वहीं, दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में तैनात आइएएस अधिकारियों के तबादले का अधिकार है, क्योंकि वे संयुक्त कैडर में आते हैं। इसके अलावा एंटी करप्शन ब्यूरो भी दिल्ली सरकार के दायरे में होना चाहिए, क्योंकि सीआरपीसी में ऐसा प्रावधान है।

    दिल्ली सरकार की ओर से पैरवी करते हुए पी चिदंबरम ने जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण की पीठ को बताया कि आइएएस अधिकारियों का आवंटन राज्यों को किया जाता है और वे उनके कैडर में आ जाते हैं। आइएएस अधिकारियों के लिए कैडर नियमों के मुताबिक, उन पर उन राज्यों का नियंत्रण रहता है, जहां उन्हें तैनात किया जाता है। लेकिन, संयुक्त कैडर के मामलों में केंद्र और राज्य दोनों का उन पर नियंत्रण रहता है।

    कैडर नियम पढ़कर सुनाते हुए चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार अधिकारियों का तबादला और पोस्टिंग तो दूसरे राज्यों में कर सकती है। लेकिन, राज्य के भीतर अधिकारियों का तबादला और पोस्टिंग का अधिकार राज्य सरकारों के पास है। दिल्ली सरकार के वकील शेखर नाफ्डे ने कहा कि हमने केंद्र की दो अधिसूचनाओं को चुनौती दे रखी है।