स्वागतयोग्य है अनधिकृत कालोनियों में नक्शा पास करने की डीडीए से अनुमति मांगना
दिल्ली के नियोजित शहर के रूप में विकसित होने की राह में अवैध निर्माण एक बड़ी बाधा है। इसकी वजह से जहां दिल्ली बदसूरत बनी हुई है वहीं अनधिकृत कालोनियों में हादसे होने की स्थिति में जान-माल का भारी नुकसान होता है जो अस्वीकार्य है।

नई दिल्ली [सौरभ श्रीवास्तव]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने अनधिकृत कालोनियों में नक्शा पास करने की डीडीए से अनुमति मांगी है, जो स्वागतयोग्य है। यह अनुमति मिल जाने से जहां एक ओर पीएम उदय योजना के तहत अनधिकृत कालोनियों में मालिकाना हक हासिल करने वालों को इस योजना का पूरा लाभ मिल सकेगा, वहीं मकानों को नियमित किए जाने व नए बनने वाले मकानों का नक्शा पास किए जाने से धीरे-धीरे इन कालोनियों में निर्माण नियमित होते जाएंगे। यही नहीं, मकानों के नियमित होने से अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले कानून स्पेशल प्रोविजन एक्ट की आवश्यकता धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी।
दिल्ली के नियोजित शहर के रूप में विकसित होने की राह में अवैध निर्माण एक बड़ी बाधा है। इसकी वजह से जहां दिल्ली बदसूरत बनी हुई है, वहीं अनधिकृत कालोनियों में हादसे होने की स्थिति में जान-माल का भारी नुकसान होता है, जो अस्वीकार्य है। अवैध निर्माण होने की वजह से निगम व राज्य सरकार को राजस्व का भी भारी नुकसान होता है।
यदि एसडीएमसी को डीडीए से अनुमति मिल जाती है तो इससे नियमित हो चुकी अनधिकृत कालोनियों में नियोजित तरीके से निर्माण हो सकेगा, जिसका राज्य सरकार व निगम को राजस्व के रूप में लाभ मिलेगा। राजस्व बढ़ने से इन इलाकों में बुनियादी सुविधाएं भी लोगों को मुहैया कराई जा सकेंगी, जिससे यहां रहने वालों का जीवनस्तर भी सुधरेगा। डीडीए को चाहिए कि इस मामले में जल्द फैसला ले और यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसके नियम और शर्तें ऐसी हों, जिससे किसी भी तरह से अवैध निर्माण को बढ़ावा न मिलने पाए। यदि इसे अनुमति मिलती है तो इसे दिल्ली के अन्य निगमों के क्षेत्र में भी लागू किया जाना चाहिए, ताकि इन क्षेत्रों में रह रहे लोगों को भी इसका लाभ मिल सके।
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