घर व कार्यालय में एक अग्निशामक यंत्र रखना जरूरी
कई लोग सस्ते के चक्कर में मानकों के अनुरूप तारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इससे आग लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसके अलावा घर के मुख्य दरवाजों पर किसी प्रकार का अवरोधक न रखें। अगर अवरोध होगा तो कठिन परिस्थिति के दौरान घर से निकलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा घर की बाल्टी में हमेशा पानी भरकर रखें

नई दिल्ली, जागरण डेस्क। आग से सुरक्षा को लेकर सभी मानकों का पालन करना अत्यंत जरूरी है। ऐसा करके ही विपरीत परिस्थिति में हम क्षति को कम से कम कर सकते हैं। दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग के निदेशक जिले सिंह लाकड़ा बताते हैं कि आग लगने की कई घटनाएं बिजली के मीटर के आसपास होती है। इसे देखते हुए मीटर के पास अग्निशामक यंत्र जरूर रखें, जिससे आग लगने की स्थिति में इस पर तुरंत काबू पाया जा सके।
जिले सिंह लाकड़ा बताते हैं कि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घरों में वायरिंग के दौरान बिजली के तार उच्च गुणवत्ता वाले हो। कई लोग सस्ते के चक्कर में मानकों के अनुरूप तारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं। इससे आग लगने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। यह लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसके अलावा घर के मुख्य दरवाजों पर किसी प्रकार का अवरोधक न रखें। अगर अवरोध होगा तो कठिन परिस्थिति के दौरान घर से निकलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा घर की बाल्टी में हमेशा पानी भरकर रखें, ऐसे में जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल कर सकें। आजकल इलेक्ट्रॉनिक सामानों का उपयोग पहले की अपेक्षा ज्यादा किया जाता है।
आग लगने के अधिकांश मामलों में लोड बढ़ने के कारण बिजली मीटर में आग लगने की घटनाएं देखने को मिलती है। जरूरी है कि खपत के अनुसार बिजली के लोड को अधिक करते रहें।
लाकड़ा कहते हैं कि फायर डिपार्टमेंट से जुड़ना एक कामयाब करियर के साथ साथ जनसेवा भी है। फायर फाइटर्स का मुख्य काम होता है आग लगने के कारणों का पता लगाना और उसे रोकने के उपायों का विषलेशण करना। फायर फाइटिंग सिविल, इलेक्ट्रीकल, एंवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग से जुड़ा क्षेत्र है। मसलन आग बुझाने के यंत्रों की तकनीकी जानकारी, स्प्रिंक्लर सिस्टम, अलार्म, पानी की बौछार का सबसे स्टीक इस्तेमाल, कम से कम समय और कम से कम संसाधनों में ज्यादा से ज्यादा जान और काम की रक्षा करना उसका उद्देश्यं होता है।
दिल्ली कॉलेज ऑफ फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग के के निदेशक जिले सिंह लाकड़ा ने बताया कि जिस तेजी से हर जगह सुरक्षा के संभावित उपाय किए जा रहे हैं। उसी तेजी से लोगों को रोजगार के अवसर भी मिल रहे हैं। आजकल आईटी इंडस्ट्री, माइनिंग, ऑयल इंडस्ट्री आदि में रोजगार की अधिक संभावनाएं बन रही हैं। भारत तथा विदेश, दोनों जगह अवसर सामने आते हैं। इंडस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट का सफलतापूर्वक पाठयक्रम करने के बाद भारत में फायर प्रोटेक्शन इंजीनियर, एनवायरमेंट सेफ्टी मैनेजर, इंजीनियर हाइजीन मैनेजर, सिस्टम सेफ्टी इंजीनियर, रिस्क मैनजमेंट कंसलटेंट, सेफ्टी इंजीनियर,के रूप में अवसर मिलते हैं। इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली कॉलेज आफ फायर एंड सेफ्टी इंजीनियरिंग (www.Dcfse.com) से कोर्स कर सकते हैं।
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