'इस्लाम में चरमपंथ के लिए नहीं है कोई जगह...', जामा मस्जिद में बोले मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव
जामा मस्जिद में खुतबा (धार्मिक उपदेश) देते हुए कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इसा ने शुक्रवार को कहा कि इस्लाम में चरमपंथ के लिए कोई जगह नहीं है और यह मानवता की रक्षा में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि इस्लाम अच्छे नैतिक चरित्र को बहुत महत्व देता है और मुसलमानों को सभी के प्रति दयालु होना चाहिए।

नई दिल्ली, प्रेट्र। जामा मस्जिद में खुतबा (धार्मिक उपदेश) देते हुए कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-इसा ने शुक्रवार को कहा कि इस्लाम में चरमपंथ के लिए कोई जगह नहीं है और यह मानवता की रक्षा में विश्वास करता है।
उन्होंने कहा कि इस्लाम अच्छे नैतिक चरित्र को बहुत महत्व देता है और मुसलमानों को सभी के प्रति दयालु होना चाहिए। भारत दौरे पर आए अल-इस्सा ने यह भी कहा कि जो लोग हिंसा का रास्ता अपनाएंगे उन्हें हरा दिया जाएगा। पारंपरिक तौर पर शुक्रवार को जुम्मा की नमाज से पहले खुतबा दिया जाता है।
"इस्लाम को दोहरी बातें पसंद नहीं"
मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव ने अरबी में दिए अपने उपदेश में कहा कि इस्लाम को दोहरी बातें पसंद नहीं हैं और मुसलमानों को सच्चा होने की जरूरत है। अल-इस्सा ने कहा कि इस्लाम मानवता की रक्षा में विश्वास करने के साथ ही इस्लामी संदेश भूगोल, संदर्भ और विविधता का सम्मान करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की है। मोदी से मुलाकात के एक दिन बाद अल-इस्सा ने बुधवार को समावेशी विकास के प्रति प्रधान मंत्री के भावुक दृष्टिकोण की सराहना की और कहा कि वे उग्रवाद और नफरत के सभी पहलुओं का सामना करने के लिए मिलकर काम करने के महत्व पर सहमत हुए हैं, चाहे उनका स्रोत कुछ भी हो।
मुस्लिम वर्ल्ड लीग एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय मक्का में है, जिसमें सभी इस्लामी देशों और संप्रदायों के सदस्य शामिल हैं।

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