IrrfanKhan: जानिए- क्यों अक्सर शहर छोड़कर अपने गांव चले जाते थे एक्टर इरफान खान
IrrfanKhan इरफान खान को पतंगबाजी व खाने का शौक उन्हें नए व्यंजनों की ओर आकर्षित करता था। उन्हें खेती करना बहुत पसंद था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Irrfan Khan: राजकमल प्रकाशन समूह के फेसबुक पेज पर लाइव साहित्यिक और वैचारिक चर्चा के साथ 'हासिल-बेहासिल से परे : इरफान एक इंसान' सत्र का आयोजन हुआ। आभासी मंच से इस सत्र में फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज ने इरफान के व्यक्तित्व और फिल्मों से जुड़े कई किस्से साझा किए।
इस दौरान उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि इरफान को जिंदगी की छोटी चीजों का बहुत शौक था। पतंगबाजी व खाने का शौक उन्हें नए व्यंजनों की ओर आकर्षित करता था। उन्हें खेती करना बहुत पसंद था। जब भी उन्हें समय मिलता तो वे शहर छोड़कर गांव चले जाते थे।
अजय ब्रह्मात्मज ने कहा कि सहज होना, सरल होना, कितना मुश्किल है इरफान होना। साहित्य के साथ इरफान के रिश्ते को इसी से आंका जा सकता है कि उनकी बहुत सारी फिल्में साहित्यिक रचनाओं पर आधारित हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने कहा कि 40 दिन से भी अधिक दिनों से हम एकांतवास में हैं, लेकिन आभासी दुनिया के जरिये हम दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों इतना एकांत है कि कविता लिखना भी कठिन लगता है। हालांकि यह एक रास्ता भी है इस एकांत को किसी तरह सहने का। यही मानकर मैंने कुछ कविताएं लिखीं हैं।
उन्होंने अपनी कुछ कविताओं का पाठ करते हुए कहा घरों पर दरवाजों पर कोई दस्तक नहीं देता, पड़ोस में कोई किसी को नहीं पुकारता, अथाह मौन में सिर्फहवा की तरह अदृश्य, हलके से हठियाता है, हर दरवाजे हर खिड़की को.. । इस अवसर पर लेखक रेखा सेठी व इतिहासकार पुष्पेश पंत ने भी श्रोताओं से अपने विचार साझा किए।
गौरतलब है कि एक्टर इरफान खान के पिछले सप्ताह मुंबई के एक अस्पातल में निधन हो गया। उन्होंने महज 53 साल की उम्र में अपनी अलग-अलग भूमिकाओं से करोड़ों भारतीयों का दिल जाता है। हाल फिलहाल में उनकी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' रिलीज हुई थी।