अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश, कोकेन तस्करी सरगना वीरेंद्र बसोया भगोड़ा घोषित, खुले कई बड़े राज
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 12000 करोड़ के कोकेन मामले में अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के सरगना वीरेंद्र बसोया समेत पांच आरोपियों को भगोड़ा घोषित करवाया है। वीरेंद्र दुबई में छिपा हुआ था। उसके साथ सिंडिकेट के चार अन्य सदस्य भी अलग-अलग देशों में छिपे हैं जिन्हें भारत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह सिंडिकेट भारत के अलावा कई देशों में कोकेन की आपूर्ति कर रहा था।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। 12000 करोड़ से अधिक के कोकेन व थाइलैंड का गांजा पकड़े जाने के मामले में स्पेशल सेल ने दुबई में छिपे अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट के सरगना वीरेंद्र बसोया समेत पांच आरोपित को अदालत से भगोड़ा घोषित करवा दिया है।
वीरेंद्र के अलावा सिंडिकेट से जुड़े चार अन्य आरोपी अलग-अलग देशों में छिपे हैं, जिनके बारे में सेल व केंद्रीय एजेंसियों ने जानकारी हासिल कर ली हैं। विदेश मंत्रालय के जरिये उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया कई माह पहले शुरू कर दी गई है। सभी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर नोटिस जारी कर दिया गया है।
देश में पहली बार बीते अक्टूबर में दिल्ली में सबसे महंगी ड्रग्स कोकेन की इतनी बड़ी खेप पकड़ी की गई थी। इस मामले में गिरफ्तार कुल 14 आरोपित आठ माह से तिहाड़ जेल में बंद हैं। किसी को भी जमानत नहीं मिली है।
वहीं, स्पेशल सेल ने इस मामले में आरोपितों के खिलाफ आरोपपत्र तैयार कर लिया है। दो हफ्ते के भीतर आरोपपत्र दायर कर दिया जाएगा। यह सिंडिकेट भारत के बड़े शहरों के अलावा कई देशों में कोकेन की आपूर्ति कर रहा था।
सबसे पहले स्पेशल सेल ने दो अक्टूबर को महिपालपुर स्थित एक गोदाम पर छापा मार वहां से तुषार गोयल, हिमांशु कुमार, औरंगजेब सिद्दीकी व मुंबई के रहने वाले भरत कुमार जैन को गिरफ्तार किया था। तुषार गोयल वसंत विहार की एक पॉश कॉलोनी में रहता था वह अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स रैकेट का एक बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर था। बाकी तीन लोग उसके सहयोगी थे। गोदाम से 500 किलो कोकेन व 40 लाख रुपये मूल्य के थाईलैंड का गांजा बरामद किया था। जांच में पता चला था कि इस सिंडिकेट मिडिल ईस्ट से कंट्रोल किया जा रहा था।
वहीं, चारों से पूछताछ के बाद दिल्ली, यूपी, अमृतसर व मुंबई से जतेंद्र उर्फ जस्सी, सफी ए, मोहम्मद अखलाक, विजय, अश्विनी रमानी, बृजेश कोठिया, अमित मसूरिया, मयूर, जैक्शन व वीरेंद्र बसोया के भाई रवींद्र बसोया को अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार कर भारी मात्रा में कोकेन बरामद की थी। भारत में बरामद की गई कोकेन की खेप वीरेंद्र बसोया ने भिजवाया था।
बताया गया कि उसका नाम सबसे पहले उस वक्त सामने आया था जब 2023 में पुणे पुलिस ने 3000 करोड़ की म्याऊं-म्यांऊ ड्रग्स मामले में बसोया को आरोपी बनाया था। उस समय मुंबई पुलिस ने वीरेंद्र बसोया के करीबी तुषार गोयल को गिरफ्तार किया था। बाद में जमानत मिलने पर फिर से इस धंधे में जुट गया था। तुषार गोयल 2022 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का आरटीआइ सेल का चेयरमैन रहा था। बसोया यूके में भी कोकेन आपूर्ति करता था।
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