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    दिल्ली की इस हॉट सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला, वोटिंग से दो हफ्ते पहले AAP में शामिल हुए BJP नेता

    By Agency Edited By: Sonu Suman
    Updated: Thu, 23 Jan 2025 05:13 PM (IST)

    मनीष सिसोदिया पटपड़गंज से लगातार तीन चुनावों में विजयी रहे थे लेकिन उन्होंने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के रविंदर सिंह नेगी के खिलाफ 3207 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। 2015 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के विनोद कुमार बिन्नी को 28761 वोटों से हराया था और 2013 में उन्होंने बीजेपी के नकुल भारद्वाज को 11476 वोटों के अंतर से हराया था।

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    बीजेपी के कई नेता और कार्यकर्ताओं ने आप की सदस्यता ग्रहण की।

    पीटीआई, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के जंगपुरा से उम्मीदवार मनीष सिसोदिया ने गुरुवार को कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कराया। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आप ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। बता दें, 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए मतदान 5 फरवरी को होगा और वोटों की गिनती 8 फरवरी को होगी।

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    राज्यसभा सांसद संजय सिंह के साथ मनीष सिसोदिया ने बीजेपी के नेताओं का स्वागत किया, इनमें भाजपा नेता विजयपाल सिंह, पूर्व पार्षद और सिटी जोन के अध्यक्ष और जंगपुरा से भाजपा के ब्लॉक उपाध्यक्ष मोहित चौधरी शामिल थे। सिसोदिया ने कहा, "आप की नीतियों और अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व से प्रभावित होकर, कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हमारे आंदोलन में शामिल होने का फैसला किया है। यह जंगपुरा निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक मजबूत टीम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।" 

    सिसोदिया लगातार तीन बार पटपड़गंज से रहे विजेता

    बता दें, सिसोदिया पटपड़गंज से लगातार तीन चुनावों में विजयी रहे थे, लेकिन उन्होंने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के रविंदर सिंह नेगी के खिलाफ 3,207 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। 2015 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के विनोद कुमार बिन्नी को 28,761 वोटों से हराया था और 2013 में उन्होंने बीजेपी के नकुल भारद्वाज को 11,476 वोटों के अंतर से हराया था।

    भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह को उतारा

    वह अब जंगपुरा में करीबी मुकाबले में फंस गए हैं। भाजपा ने तरविंदर सिंह मारवाह को मैदान में उतारा है जबकि कांग्रेस ने पूर्व नगर निगम नेता फरहाद सूरी को उम्मीदवार बनाया है। कथित दिल्ली आबकारी घोटाले में नाम आने के बाद गिरफ्तार होने और जेल भेजे जाने पर उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए उन्हें मजबूर होना पड़ा था। सिसोदिया को आगामी चुनावों में एक कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

    तीसरी बार बहुमत पाने की जुगत में आप

    दिल्ली में आप लगातार तीसरी बार बहुमत पाने की कोशिश कर रही है। वहीं भाजपा 26 साल बाद फिर से दिल्ली पर शासन करने के लिए मजबूत प्रयास कर रही है। वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में प्रासंगिक बने रहने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। इस कारण दिल्ली का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

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