दिल्ली में तेजी से फैल रहा है H3N2 फ्लू, यहां देखें बचने के उपाय
दिल्ली में इन्फ्लूएंजा ए वायरस के मामले बढ़ रहे हैं जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। H3N2 फ्लू के लक्षणों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। यह वायरस खांसने और छींकने से फैलता है जिससे बुखार बदन दर्द और जुकाम होता है। डॉक्टर लक्षणों के अनुसार इलाज करने और ज्यादा पानी पीने की सलाह दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लगातार बारिश और फिर धूप के कारण मौसम में आए बदलाव के कारण राजधानी में इन्फ्लूएंजा ए वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। ऐसे में डॉक्टर इससे बचने के लिए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। इसके लक्षणों को पहचानकर एच3एन2 फ्लू से बचाव किया जा सकता है।
आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, डिस्पेंसरियों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में ये मरीज देखे जा रहे हैं। हालांकि यह जानलेवा नहीं है, लेकिन इसके कारण लोगों को तेज बुखार, बदन दर्द और जुकाम जैसी समस्याएं हो रही हैं। बुजुर्गों को भी सांस संबंधी शिकायत हो रही है।
गौरतलब है कि एच3एन2 फ्लू वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर निकलने वाली बूंदों के जरिए यह वायरस दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल जाता है। साथ ही, ऐसी जगह को छूने या उसके संपर्क में आने से भी व्यक्ति इस वायरस से परेशान हो सकता है।
डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव के साथ ही पिछले कुछ दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है। आमतौर पर मरीज को ठीक होने में तीन दिन लगते हैं, लेकिन अब सात से दस दिन लग रहे हैं। सामान्य मामलों में, अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती।
69 प्रतिशत घरों में कम से कम एक सदस्य में लक्षण
लोकल सर्कल नामक एजेंसी द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि पिछले कुछ दिनों में राजधानी के 69 प्रतिशत घरों में कोई न कोई सदस्य इस बीमारी की चपेट में आया है। एजेंसी ने लगभग 11 हज़ार घरों में जाकर यह सर्वेक्षण किया है। इससे पहले मार्च में भी वायरस का ऐसा ही एक मामला सामने आया था। उस समय 54 प्रतिशत घरों में इससे पीड़ित लोग पाए गए थे।
क्या कहते हैं डॉक्टर?
यह सच है कि यह वायरस काफी व्यापक है। लेकिन इसका असर बहुत ज़्यादा नहीं है। लेकिन इलाज में समय लग रहा है। मरीज पांच से सात दिनों में ठीक हो रहे हैं। लक्षणों के अनुसार इलाज किया जा रहा है। इस दौरान ज़्यादा पानी पीना चाहिए। हरी सब्जियां खानी चाहिए।
- डॉ. ग्लैडबिन त्यागी, सीएमओ, स्वामी दयानंद अस्पताल
इस मौसम में ऐसी बीमारियाँ बढ़ जाती हैं। लेकिन इस बार मरीज़ ज़्यादा आ रहे हैं। फिर भी घबराने की ज़रूरत नहीं है। थोड़ी सी सावधानी से इससे बचा जा सकता है। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- अश्विनी गोयल, डॉक्टर और पूर्व अध्यक्ष, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन
H3N2 फ्लू के लक्षण
- तेज बुखार
- लगातार खांसी
- गले में खराश
- शरीर और मांसपेशियों में दर्द
- कमज़ोरी और थकान
- सिरदर्द
- नाक बहना या बंद होना
- कभी-कभी मतली या उल्टी (अधिकतर बच्चों में)
ये सावधानियां बरतें...
- हर साल फ्लू का टीका लगवाएँ, खासकर ऐसा टीका जिसमें H3N2 वायरस से सुरक्षा शामिल हो।
- हाथों को साफ रखने के लिए बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएँ।
- संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें।
- खांसते और छींकते समय अपने मुँह को अपनी कोहनी या टिशू पेपर से ढकें।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों या बंद जगहों पर मास्क पहनें।
- बार-बार छुई जाने वाली या खुली सतहों को साफ और सैनिटाइज करें।
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