औद्योगिक भांग घोटाला में रोहित शर्मा गिरफ्तार, करोड़ों की धोखाधड़ी का पर्दाफाश
आर्थिक अपराध शाखा ने 2.16 करोड़ रुपये की औद्योगिक भांग धोखाधड़ी में रोहित शर्मा को गिरफ्तार किया। उसने IIHA के माध्यम से आइस ड्रीम ग्लोबल को निवेश के लिए प्रेरित किया लेकिन कच्चा माल नहीं दिया। मामला दर्ज होने पर वह कनाडा भाग गया था लेकिन पिता की मृत्यु के बाद लौटने पर हवाई अड्डे पर पकड़ा गया। जांच में खेती का लाइसेंस न होने का खुलासा हुआ।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आर्थिक अपराध शाखा ने औद्योगिक भांग परियोजना के नाम पर 2.16 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले जालसाज रोहित शर्मा को गिरफ्तार किया है। उसने 2015 में औद्योगिक भांग को बढ़ावा देने, परामर्श देने और नीतिगत मामलों पर काम करने के लिए भारतीय भांग संस्थान संघ (IIHA) के नाम से एक ट्रस्ट पंजीकृत कराया था।
उसने खुद को इस क्षेत्र में सलाहकार के रूप में पेश किया और विभिन्न कंपनियों के साथ काम किया। IIHA के अध्यक्ष के रूप में, उसने मेसर्स आइस ड्रीम ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के साथ परामर्श और आपूर्ति समझौते किए। वह दाओजी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, कैनइंडिका प्राइवेट लिमिटेड और हेम्प फार्मा एमरो प्राइवेट लिमिटेड से भी जुड़ा था।
उसने मेसर्स आइस ड्रीम ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को भांग परियोजना में सीधे 2.16 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन वह समझौते के तहत वादा किया गया कच्चा माल (भांग) उपलब्ध कराने में विफल रहा।
मामला दर्ज होने के बाद, आरोपी अपनी पत्नी और बच्चे के साथ कनाडा भाग गया। उसके माता-पिता गुरुग्राम में ही रहे। हाल ही में, जब वह अपने पिता के निधन के बाद कनाडा से दिल्ली आया, तो उसे हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमृता गुगुलोथ के अनुसार, मेसर्स आइस ड्रीम ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक करण भाटिया ने 27 दिसंबर 2021 को आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारतीय भांग संस्थान संघ (IIHA) के अध्यक्ष रोहित शर्मा ने आकर्षक व्यावसायिक अवसरों, लाइसेंस और परामर्श सहायता का आश्वासन देकर उनकी कंपनी को एक औद्योगिक भांग परियोजना में निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
इस पर मेसर्स आइस ड्रीम ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड ने IIHA के साथ समझौते किए और 2.16 करोड़ रुपये का निवेश किया। समझौतों के बावजूद, शिकायतकर्ता कंपनी मेसर्स आइस ड्रीम ग्लोबल को कोई कच्चा माल (भांग) नहीं दिया गया।
रोहित शर्मा ने दावा किया कि उन्होंने औद्योगिक भांग पर व्यापक शोध किया है और उत्तराखंड सरकार से खेती का लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं। जाँच से पता चला कि शर्मा कभी भी कोई कच्चा माल उपलब्ध कराने की स्थिति में नहीं थे, क्योंकि वह वैध लाइसेंस या खेती का कोई प्रमाण प्रस्तुत करने में विफल रहे।
मामला दर्ज होने के बाद, रोहित शर्मा जानबूझकर जाँच से बचते रहे, जिसके कारण उन्हें 26 अक्टूबर 2024 को भगोड़ा घोषित कर दिया गया। इसके बाद उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया।
रोहित शर्मा गुरुग्राम के सेक्टर-49 के निवासी हैं। 2010 में, वे जर्मनी के कोलोन गए, जहाँ उन्होंने औद्योगिक भांग पर एक कार्यक्रम में भाग लिया और इस क्षेत्र में ज्ञान प्राप्त किया।
देश लौटकर, उन्होंने पहले कॉल सेंटर में विज्ञापन और मार्केटिंग का काम किया और बाद में लाजपत नगर स्थित ग्लिट्ज़ प्रोडक्शन में काम किया और फिर ओशन प्रोडक्शन नाम से अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया। रोहित शर्मा राजस्थान में धोखाधड़ी के आरोप में दर्ज एक अन्य मामले में भी संलिप्त पाए गए हैं।
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