आइपी कालेज सोमवार को मनाएगा 99वां स्थापना दिवस समारोह, कई महिला नेता यहां से कर चुकी हैं पढ़ाई
आइपी कालेज सोमवार को अपना 99वां स्थापना दिवस समारोह मनाने जा रहा है। इसके साथ ही 1924 में स्थापित इस कालेज के शताब्दी समारोह की शुरूआत भी सोमवार से होगी जो 2024 तक चलेगा। इस कालेज से निकलीं कई शख्सियतों ने देश के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) का प्रतिष्ठित इंद्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय (आइपी कालेज) सोमवार को अपना 99वां स्थापना दिवस समारोह मनाने जा रहा है। इसके साथ ही 1924 में स्थापित इस कालेज के शताब्दी समारोह की शुरूआत भी कल से होगी जो 2024 तक चलेगा। सौ वर्ष पूरे करने जा रहे इस कालेज से निकलीं कई शख्सियतों ने देश के इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया है। अपनी सौ वर्ष की समृद्ध विरासत को संजोए हुए यह कालेज अपने इतिहास से लोगों को रूबरू कराने के लिए एक संग्रहालय और अभिलेखागार का भी लोकार्पण करने जा रहा है। कालेज की प्राचार्या प्रो. डा. बबली मोइत्रा सराफ ने बताया कि यह डीयू का सबसे पुराना महिला कालेज है। इसको शुरू करने में थियोसोफिकल सोसायटी की संस्थापक एनी बेसेंट का भी योगदान रहा।
दरअसल, 1903 में थिओसाफिकल सोसाइटी आफ इंडिया में दिए गए उनके भाषण और एजुकेशन आफ इंडियन गर्ल्स शीर्षक पैंफ्लेट में शिक्षा और उनके सशक्तिकरण पर निरंतर प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया। थिओसाफिकल सोसाइटी के सदस्यों ने एनी बेसेंट के आदेश को माना। उन्होंने दिल्ली में 1904 में इंद्रप्रस्थ हिंदू कन्या शिक्षालय (इद्रप्रस्थ हिंदू गर्ल्स स्कूल के नाम से प्रचलित) की स्थापना कर स्त्री शिक्षा आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए एक कार्य समिति का गठन किया जिसे बाद में बोर्ड आफ ट्रस्टीज के नाम से जाना गया।
जामा मस्जिद इलाके में स्थित इंद्रप्रस्थ हिंदू कन्या शिक्षालय की छत पर तीन छात्राओं को पढ़ाने के साथ इस कालेज को शुरू करने कार्य आगे बढ़ा। इसके बाद दिल्ली के कई अलग-अलग इलाकों में यह कालेज किराए के भवनों में चलता रहा। फिर 1936 में कालेज को सिविल लाइंस स्थित शामनाथ मार्ग पर सरकार द्वारा अलीपुर हाउस की इमारत को स्थाई तौर पर आवंटित कर दिया गया। इसके बाद से शुरू हुआ कारवां आज 3500 छात्राओं की संख्या तक पहुंच चुका है। उत्तर प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री सुचेता कृपलानी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी भी आइपी कालेज की छात्रा रही हैं।
कालेज में उपलब्ध सुविधाएं
कालेज में दो छात्रावास हैं, जिनमें 450 छात्राओं के रहने की व्यवस्था है। महाविद्यालय में खेल के विशाल मैदान हैं। यहां स्विमिंग पूल, क्लाइम्बिंग वाल, वाकिंग ट्रैक, व्यायामशाला, शूटिंग रेंज, फिटनेस सेंटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
कालेज के संग्रहालय और अभिलेखागार के आकर्षण
संग्रहालय एवं अभिलेखागार में दुर्लभ छायाचित्र हैं, जिनमें वायसराय लेडी लिनलिथगो, संस्थापकों के छायाचित्र, पहली प्रबंध समिति, पहला शासी निकाय, पहले संकाय, पाक कला की कक्षाओं में या प्रयोगशालाओं में प्रयोग करती हुई साड़ी पहने हुए और सिरों को ढके हुए छात्राओं के 1920 के दशक के छायाचित्र, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेती हुई छात्राओं और शिक्षकों के 1930 और 1940 के दशक के छायाचित्र मौजूद हैं। इसके साथ ही स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद स्वतंत्रता के बाद पहले कालेज डे के अवसर पर सलामी लेने आए थे, उस समय के चित्र भी संग्रहालय में प्रदर्शित हैं।
कालेज के जुबली वर्षों के चित्र और 1924-2006 की अवधि में कालेज आने वाले प्रतिष्ठित अतिथि और पूर्व छात्राएं, कालेज के वर्तमान परिसर अलीपुर हाउस के अधिग्रहण, प्राचार्या की नियुक्ति के मानदंड और कालेज के स्तर के संबंध में ब्रिटिश सरकार और विश्वविद्यालय के साथ संघर्ष, ब्रिटिश सरकार द्वारा कालेज छात्रावास का गेहूं का परमिट रद करने और राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने वाली छात्राओं और शिक्षकों को धमकाए जाने से संबंधित दस्तावेज, कुछ ऐसी पत्रिकाओं के पृष्ठ भी हैं जिनमें छात्राओं की राजनीतिक विचारधारा को प्रतिबिंबित करने वाले लेख हैं (विशेष रूप से 1930-50 की कालावधि के), पहली हस्तलिखित कालेज पत्रिका द टार्च बिअरर सहित कालेज की पत्रिकाएं, 1924-1947 का प्रवेश और वापसी रजिस्टर जिसमें तत्कालीन सामाजिक और सांस्कृतिक घटनाओं की महत्त्वपूर्ण जानकारी दी गई है।
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