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    दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर के बाहर लगे इंदिरा गांधी के पोस्टर, जयराम रमेश ने शेयर किया पूर्व पीएम का किस्सा

    Updated: Sun, 11 May 2025 03:51 PM (IST)

    दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर इंदिरा गांधी के पुराने पोस्टर लगे हैं जिस पर इंदिरा होना आसान नहीं और इंडिया मिसेस इंदिरा जैसे नारे लिखे हैं। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक पोस्ट साझा की। उन्होंने 1981 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि अमेरिका के विरोध के बावजूद इंदिरा गांधी ने भारत के लिए 5.8 बिलियन डॉलर का आईएमएफ ऋण हासिल किया था

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    भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद देश इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद लोग अब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद कर रहे हैं। साल 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग करने की घटना को भी लोग याद कर रहे हैं। वहीं दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के बाहर इंदिरा गांधी के पुराने पोस्टर लगे हैं, जिस पर 'इंदिरा होना आसान नहीं' और 'इंडिया मिसेस इंदिरा' जैसे नारे लिखे हैं।

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    वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट साझा की। उन्होंने 1981 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि अमेरिका के विरोध के बावजूद इंदिरा गांधी ने भारत के लिए 5.8 बिलियन डॉलर का आईएमएफ ऋण हासिल किया था, ताकि तेल की कीमतों में तीन गुना वृद्धि से निपटा जा सके। अमेरिका ने आईएमएफ की कार्यकारी बोर्ड बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।

    इंदिरा गांधी आईएमएफ को समझाने में सफल रहीं: जयराम रमेश

    जयराम रमेश ने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "9 नवंबर 1981 को, IMF ने भारत को 5.8 बिलियन डॉलर के ऋण को मंजूरी दी थी। अमेरिका को इस पर कड़ी आपत्तियां थीं और इस वजह से कार्यकारी बोर्ड की बैठक में हिस्सा नहीं लिया था। लेकिन इंदिरा गांधी IMF को यह समझाने में सफल रहीं कि भारत के लिए यह ऋण तेल की कीमतों में तीन गुना वृद्धि से निपटने के लिए आवश्यक था।"

    इसके अलावा, उन्होंने फरवरी 1984 की एक घटना की ओर ध्यान आकर्षित किया, जब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया और भारत द्वारा आईएमएफ कार्यक्रम के सफल समापन की घोषणा की।

    भारत ने 1.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर लेने से किया था इनकार

    जयराम रमेश की 'एक्स' पोस्ट में आगे लिखा गया है, "29 फरवरी 1984 को जब प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया, तो इंदिरा गांधी ने उन्हें यह घोषणा करने के लिए कहा कि भारत ने IMF कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और स्वीकृत राशि में से लगभग 1.3 बिलियन डॉलर का उपयोग नहीं किया जा रहा है। यह IMF के इतिहास में शायद एक अनोखा उदाहरण है।"

    (एजेंसी इनपुट के साथ)