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    Boycott Türkiye: तुर्किये को भारत के व्यापारियों से मिलेगा बड़ा झटका, व्यापारी संगठन CAIT ने रणनीति बनाने को बुलाई बैठक

    Updated: Wed, 14 May 2025 07:49 PM (IST)

    CAIT ने तुर्किये और अजरबैजान के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है। इसका कारण Operation Sindoor के दौरान भारत विरोधी रुख और मानवीय सहायता को नजरअंदाज करना बताया गया है। आगामी 16 मई को व्यापारी संगठन इसकी रणनीति तय करेंगे जिससे तुर्किय को आर्थिक नुकसान पहुंचने की संभावना है।

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    पाकिस्तान से सैन्य गठजोड़ तुर्किये के लिए पड़ रहा भारी।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: देश के प्रमुख कारोबारी संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने तुकिये के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है। इसके साथ ही बहिष्कार को लेकर 16 मई को कैट की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी

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    दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों के कारोबारी संगठनों की ओर से  मार्बल और परिधान समेत तुर्किये के अन्य उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय लिया जा रहा है। तुर्किये के कालीन, परिधानों से लेकर मार्बल व उसकी क्राकरी भी भारत में काफी पसंद की जाती है। ऐसे में उसके इस कारोबार को धक्का लगना तय है।

    आर्थिक नुकसान से भारत के प्रति नीतियों पर हो सकता है पुनर्विचार

    कैट के महामंत्री व चांदनी चौक के सांसद प्रवीन खंडेलवाल के अनुसार तुर्किये जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में प्रत्येक वर्ष 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो रही थी। यह वहां जाने वाले पर्यटकों में बड़ा हिस्सा है। अब उसे इस मद में भारी नुकसान उठाना होगा।

    इसी तरह, अजरबैजान जाने वाले कुल पर्यटकों में 10 से 15 प्रतिशत भारतीय होते हैं। बहिष्कार की स्थिति में वहां आर्थिक मंदी हो सकती है। खंडेलवाल ने कहा कि इस आर्थिक नुकसान से तुर्किये और अजरबैजान पर भारत के प्रति अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ सकता है।

    जिस तरह भारत विरोधी चीन के उत्पादों को लेकर जागरूकता आई है। वह स्थिति तुर्किये और अजरबैजान मामले में भी देखने को मिलेगी। बहिष्कार को लेकर 16 मई को कैट की बैठक में रणनीति बनाई जाएगी।

    धर्म के आगे तुर्किये भूल गया भारत का मानवीय समर्थन

    स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक अश्विनी महाजन के मुताबिक तुर्किये संकट के समय में उसको भारत की उदार और समय पर की गई मानवीय सहायता को भूल गया है।

    फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान, भारत उन पहले देशों में से एक था जिसने आपरेशन दोस्त शुरू किया, जिसमें एनडीआरएफ, सेना की मेडिकल टीमें, फील्ड अस्पताल और मेडिकल सप्लाई, जनरेटर, टेंट और कंबल सहित 100 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी गई थी।

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