Indian Railways: गलत तरह से रेलवे लाइन पार किए तो होगी सख्त कार्रवाई, होगी छह माह की जेल
Indian Railways रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत गलत तरीके से ट्रैक पार करने पर छह माह की जेल या एक हजार रुपये तक जुर्माना का जुर्माना हो सकता है। रेलवे एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। गलत तरीके से रेलवे लाइन पार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने सभी मंडलों को इसे गंभीरता से लेने और इस दिशा में उचित कदम उठाने को कहा है। रेलवे एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है जिससे कि लोग रेलवे लाइन पर आने से परहेज करें।
रेलवे क्रासिंग व ट्रैक पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए रेल प्रशासन द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही मानव रहित रेलवे क्रासिंग समाप्त कर दिए गए हैं।रेलवे क्रासिंग को सुरक्षित बनाने के लिए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी), रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) और सीमित ऊंचाई वाले सब वे बनाए जा रहे हैं। लोग सुरक्षित तरह से ट्रैक को पार कर सकें इसके लिए जरूरत के अनुसार फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। बावजूद इसके लोग असुरक्षित तरीके से ट्रैक पार करते हैं।
रेलवे लाइन के किनारे अतिक्रमण से होती है परेशानी
सबसे ज्यादा परेशानी ट्रैक के किनारे अतिक्रमण से है। दिल्ली-एनसीआर में रिंग रेल के साथ ही अन्य रेलवे लाइन के किनारे अवैध रूप से झुग्गियां बसी हुई हैं। इन झुग्गियों में रहने वाले बिना किसी रोक टोक के ट्रैक पर पहुंच जाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे लाइन के किनारे दीवार बनाई जा रही है। साथ ही सख्ती भी बढ़ाई जा रही है।
छह माह की हो सकती है जेल
रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत गलत तरीके से ट्रैक पार करने पर छह माह की जेल या एक हजार रुपये तक जुर्माना का जुर्माना हो सकता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अवैध तरीके से ट्रैक पार करने वालों के खिलाफ पिछले चार सालों में उत्तर रेलवे में 60 हजार से ज्यादा और दिल्ली मंडल में लगभग 25 हजार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बीमा का लाभ नहीं मिलता है
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि गलत तरह से रेलवे लाइन पार करते समय यदि कोई दुर्घटना की चपेट में आकर मर जाता है तो उसे बीमा का लाभ नहीं मिलता है। जीवन बीमा में इसे कवर नहीं किया गया है। जागरूकता अभियान में लोगों को इस बारे में जागरूक किया जाता है।
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