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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का दावा आयुष्मान भारत से बीमा कंपनियों को हो रहा फायदा

युष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के एक साल पूरे होने पर केंद्र सरकार जहां इसकी उपलब्धियां बता रही है वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने इस योजना पर सवाल किए हैं।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 11:08 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 11:08 AM (IST)
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का दावा आयुष्मान भारत से  बीमा कंपनियों को हो रहा फायदा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन का दावा आयुष्मान भारत से बीमा कंपनियों को हो रहा फायदा

नई दिल्ली, जेएनएन। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के एक साल पूरे होने पर केंद्र सरकार जहां इसकी उपलब्धियां बता रही है, वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इससे बीमा कंपनियों को फायदा हो रहा है। एसोसिएशन ने आयुष्मान भारत योजना में नीतिगत बदलाव करने, इलाज शुल्क की समीक्षा कर उसमें बढ़ोतरी करने, छोटे निजी अस्पतालों व नर्सिग होम को भी इससे जोड़ने और बीमा आधारित मॉडल को हटाने की मांग की है।

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने उठाए सवाल

एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शांतनु सेन ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति की बैठक हुई। राज्य सभा का सदस्य होने के नाते वह भी इसके सदस्य हैं। बैठक में उन्होंने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत से जुड़े अधिकारी इसे अनोखी योजना बताते रहे हैं और कहते हैं कि चीन में भी ऐसी स्वास्थ्य योजना नहीं है, जबकि वहां का स्वास्थ्य बजट भारत की तुलना में करीब पांच गुना अधिक है।

कुछ राज्यो नहीं लागू हुई है आयुष्मान योजना

उन्होंने स्वास्थ्य बजट बढ़ाने की मांग की और कहा कि आयुष्मान भारत योजना को लेकर सभी राज्य सरकारों को विश्वास में नहीं लिया गया। यही वजह है कि कुछ राज्यों में यह योजना लागू नहीं हो पाई। बीमारियों के इलाज का शुल्क ऐसे डॉक्टरों से बातचीत कर निर्धारित किए गए, जिनका वास्ता मरीजों के इलाज से नहीं रहा। इस योजना के तहत 24 विभागों से संबंधित बीमारियों का इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि एलोपैथी में इससे कहीं ज्यादा विभाग हैं।

इसके अलावा 1393 तरह की बीमारियों के इलाज के लिए पैकेज निर्धारित हैं। उन मरीजों का क्या होगा, जिन्हें पैकेज में शामिल बीमारियों से अलग बीमारी है।एसोसिएशन के महसचिव डॉ. आरवी अशोकन ने कहा कि इस योजना में सरकारी अस्पतालों को भी शामिल किया गया है जिनमें पहले से ही निशुल्क इलाज होता है। ऐसे में उन्हें जोड़कर बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।

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