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    अब अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स को भी मिलेगा रिसर्च का मौका, नए विजन के साथ हुई इंडिया रिसर्च टूर 2025 की शुरुआत

    Updated: Tue, 07 Oct 2025 02:57 PM (IST)

    भारतीय शिक्षा मंत्रालय ने इंडिया रिसर्च टूर 2025 के तीसरे संस्करण को मंजूरी दी है जिसका उद्देश्य युवा शोधकर्ताओं को प्रोत्साहित करना है। महिला शोधकर्ताओं को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एक बस टूर 15 शहरों और 7 राज्यों के 29 संस्थानों का दौरा करेगा जिसमें आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

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    इंडिया रिसर्च टूर 2025 युवा शोधकर्ताओं को मिलेगा प्रोत्साहन

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय शिक्षा मंत्रालय ने देश के रिसर्चर्स को प्रोत्साहन देने के मकसद से इंडिया रिसर्च टूर 2025 (India Research Tour 2025) के तीसरे संस्करण को हरी झंडी दिखाई। इस टूर का मकसद भारत के यंग रिसर्चर्स को मोटिवेट करना और उन्हें रिसर्च के लिए रिसोर्स उपलब्ध कराना है। यह कार्यक्रम दिल्ली के भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) में आयोजित किया गया।

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    महिला रिसर्चर्स को मिलेगा बढ़ावा

    इस कार्यक्रम में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करेगा। इन दौरान उन्होंने कहा कि बदलते और आगे बढ़ते भारत में महिलाओं शोधकर्ताओं ने अहम भूमिका निभाई है। ऐसे में यह कार्यक्रम महिला शोधकर्ताओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह टूर प्रोग्राम नवाचार और आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन दे रहा है।

    7 राज्यों में जाएगी बस

    इस प्रोग्राम के तहत एक बस टूर आयोजित किया जाएगा, जो 15 शहरों और 7 राज्यों के 29 संस्थानों, जिनमें आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी कानपुर, आईआईटी गुवाहाटी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (नई दिल्ली), आईआईएम कलकत्ता, आईआईएम लखनऊ और आईआईएम बोधगया शामिल हैं। इस दौरान आईसीएसएसआर के सदस्य सचिव प्रो. धनंजय सिंह ने का कहा कि इस टूर का मकसद यंग रिसर्चर्स को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है।

    अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स भी कर सकेंगे रिसर्च

    इस साल यह टूर भारत के नॉर्थ ईस्ट हिस्सों के विकास और रिसर्च डेवलपमेंट पर फोकस करेगी। अपने इस टूर के तहत यह बस दिल्ली, से शुरू होकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम और अंत में अरुणाचल प्रदेश तक जाएगी। इस प्रोग्राम के दौरान यह भी बताया गया कि अब रिसर्च करने के लिए पीएचडी करना जरूरी नहीं होगा, ICSSR अब अंडरग्रेजुएट स्टूडेंट्स को भी रिसर्च का मौका देगा।

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