'मेट्रो पार्किंग दरों में वृद्धि पर्यावरण के लिए घातक', जानें - क्या बोले सीएम केजरीवाल
जो यात्री स्टेशन पर गाड़ी पार्क करके मेट्रो से सफर करते रहे हैं, उनपर इसकी दोहरी मार पड़ेगी। आशंका है कि ऐसे में लोग मेट्रो के बजाय गाड़ी से ही सफर करने को प्राथमिकता दें।
नई दिल्ली [जेएनएन]। मेट्रो किराये के बाद मेट्रो स्टेशनों की पार्किंग दरों में वृद्धि का पर्यावरणविदों ने कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को लेकर इस तरह का रवैया पर्यावरण के हित में कतई नहीं कहा जा सकता है। उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री ने भी इस वृद्धि को पूरी तरह से नाजायज करार दिया है।
यात्रियों पर दोहरी मार पड़ेगी
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव ए सुधाकर का कहना है कि किराया बढ़ने के कारण लाखों यात्रियों ने मेट्रो से तौबा कर लिया था। इसका बाकायदा लिखित रिकॉर्ड भी है। अब मेट्रो स्टेशनों की पार्किंग भी महंगी हो जाएगी तो यात्रियों की संख्या में गिरावट आना तय है। जो यात्री स्टेशन पर गाड़ी पार्क करके मेट्रो से सफर करते रहे हैं, उनपर इसकी दोहरी मार पड़ेगी। आशंका है कि ऐसे में लोग मेट्रो के बजाय गाड़ी से ही सफर करने को प्राथमिकता दें। इस सूरत में दिल्ली में जाम और प्रदूषण दोनों में बढ़ोतरी होगी।
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण-संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) के अध्यक्ष भूरेलाल भी डीएमआरसी के निर्णय से सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को घाटे या मुनाफे से जोड़कर कतई नहीं देखा जा सकता है। अगर यही स्थिति रही तो दिल्ली की हालत और बदतर होती जाएगी।
पार्किग दरों में इजाफा मेट्रो को बर्बाद कर देगा
पार्किंग दरों में वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी डीएमआरसी के इस निर्णय की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि मेट्रो किराये में वृद्धि के बाद मेट्रो स्टेशनों की पार्किंग दरों में इजाफा मेट्रो को बर्बाद कर देगा। इससे जाम और प्रदूषण की समस्या में भी इजाफा होगा। इसी तरह शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी डीएमआरसी के इस निर्णय को यह कहकर कठघरे में खड़ा किया है कि, 'भगवान ही जाने, डीएमआरसी को कौन सलाह दे रहा है!'
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