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    चौंकाने वाली रिपोर्ट: उत्तर भारत के दो राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं हुईं कम, फिर भी चुनौती बरकरार

    Updated: Mon, 25 Nov 2024 02:34 PM (IST)

    पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का असर दिख रहा है। इस साल उत्तर भारत के कुछ राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि कुछ राज्यों में अभी भी पराली जलाने के मामले बढ़े हैं। इस लेख में हम पराली जलाने की समस्या इसके कारणों और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करेंगे।

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    उत्तर भारत के दो राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। फाइल फोटो

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। आश्चर्यजनक रूप से इस वर्ष उत्तर भारत के दो राज्यों (पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश) में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। लेकिन चार राज्यों (दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश) में इन घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। अलबत्ता, कुल मिलाकर पराली जलाने के मामलों में पहले की तुलना में कमी आई है।

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    वहीं, पिछले साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने के मामले 40 फीसदी कम रहे हैं। पंजाब में सबसे ज्यादा लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों पराली जलाने के मामलों में पहले की तुलना में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।

    एक बड़े हिस्से में फैल जाता है धुआं

    धान की फसल के बाद खेत को गेंहू की फसल के लिए जल्दी तैयार करने के चलते खेतों में ही धान की फसल के बचे-खुचे अवशेष को जलाने की प्रवृत्ति रही है। हजारों जगहों पर लगने वाली इस आग के चलते उत्तर भारत के एक बड़े हिस्से में धुआं फैल जाता है और लोगों को भारी प्रदूषण का सामना करना पड़ता है। इसलिए हर साल ही इस पर रोक लगाने के लिए तमाम कवायद की जा रही है।

    इन कवायदों का कुछ असर इस बार पराली जलाने के मामलों में आई कमी के रूप में दिखाई पड़ रही है। कंसोर्टियम फॉर रिसर्च एंड एग्रोईकोसिस्टम मॉनीटरिंग एंड मॉडलिंग फ्राम स्पेस (क्रीम्स) द्वारा देश के छह राज्यों में पराली की घटनाओं पर निगाह रखी जाती है।

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    क्रीम्स के आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल 20 नवंबर तक इन छह राज्यों में कुल 52 हजार 555 मामले रिकॉर्ड किए गए थे। लेकिन, इस बार इन राज्यों में 20 नवंबर तक 29 हजार 997 मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। यानी पहले की तुलना में इसमें लगभग चालीस फीसदी की कमी आई है।

    पंजाब में सत्तर फीसदी तक आई कमी

    पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं पंजाब से ही सामने आती रही हैं। इस साल भी घटनाओं के मामले में पंजाब ही पहले स्थान पर है लेकिन राहत की बात यह है कि पंजाब में पराली जलाने के मामलों में लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। पिछले साल पंजाब में 20 नवंबर तक पराली जलाने की 35 हजार 93 मामले दर्ज किए गए थे। जबकि, इस बार अभी तक पराली जलाने के 10 हजार 104 मामले दर्ज किए गए हैं।

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    हरियाणा में भी पराली जलाने के मामलों में कमी आई है। जबकि, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली में पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं। जिसे कि अगले सालों के लिए चिंता की बात कहा जा सकता है।

    पराली जलाने की घटनाएं

    राज्य वर्ष 2024 वर्ष 2023
    पंजाब 10,104 35,093
    हरियाणा 1,183 2,123
    उत्तर प्रदेश 3,703 2,751
    दिल्ली 12 05
    राजस्थान 2,356 1,624
    मध्य प्रदेश 12,639 10,959
    कुल 29,997 52,555

    (आंकड़े बीस नवंबर तक के हैं और क्रीम्स के हैं)