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    ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के कहर पर राकेश टिकैत बोले, घर-घर में है बीमार, कुछ तो करो सरकार

    By Vinay Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 13 May 2021 02:55 PM (IST)

    Bharatiya Kisan Union Kisan Andolan अब ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैलने की खबरें आने लगी हैं। कई गांवों में लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में कोरोनाव ...और पढ़ें

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    किसान अपने इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं। मगर सुनने वाला कोई नहीं है।

    नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश में कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। देश के अधिकतर राज्य इसकी चपेट में हैं, अब ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैलने की खबरें आने लगी हैं। कई गांवों में लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में कोरोनावायरस के खिलाफ लॉकडाउन को सभी राज्य एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। देश के सभी राज्य कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने की कोशिश में जुटे हुए हैं। जिससे देश में कोरोना संक्रमण की इस बेकाबू रफ्तार को कम किया जा सके। कई राज्यों में पहले से लॉकडाउन या लॉकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। ग्रामीण इलाकों में इसके संक्रमण को लेकर भी प्रशासन सख्त रवैया अपना रहा है।

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    ये भी सूचनाएं मिल रही हैं कि दिल्ली की सीमा पर जो किसान आंदोलनकारी बैठे हुए थे, अब जब वो अपने गांव पहुंच रहे हैं तो संक्रमण का केंद्र बन रहे हैं। चूंकि गांवों में अभी वायरस की जांच कम हो रही है इस वजह से वहां संक्रमितों के बारे में सही जानकारी भी सामने नहीं आ रही है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इंटरनेट मीडिया पर सरकार पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले पंचायत चुनाव के दौरान तमाम नेता वोट के लिए किसानों के घरों के बाहर पहुंच रहे थे, अब रिजल्ट आ जाने के बाद सभी आइसोलेट हो गए हैं। बीमार होने वाले किसानों का हाल चाल लेने कोई नहीं पहुंच रहा है। किसान अपने इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं। मगर सुनने वाला कोई नहीं है।

    मालूम हो कि पिछले साढ़े पांच महीने से भी अधिक समय से संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में पंजाब, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों के किसानों का धरना जारी है। किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे होने वाले हैं। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि केंद्र सरकार किसान संगठनों से बात नहीं कर रही है, न ही उन्हें कोई संदेश भिजवाया जा रहा है। इन दिनों कोरोना वायरस का संक्रमण ग्रामीण इलाकों में भी फैल रहा है, किसान संक्रमित होकर मर रहे हैं मगर सरकार कुछ नहीं कर रही है।

    कई जिलों में लगना चाहिए 6-8 हफ्ते का लॉकडाउन- ICMR

    भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सबसे ज्यादा मामलों वाले जिलों में लाकडाउन अभी छह से आठ हफ्ते और बरकरार रहना चाहिए। जिन जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से ज्यादा है वहां तो लाकडाउन रहना ही चाहिए। फिलहाल देश के कुल 718 जिलों में से तीन चौथाई जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक है जिनमें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर शामिल हैं।