ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के कहर पर राकेश टिकैत बोले, घर-घर में है बीमार, कुछ तो करो सरकार
Bharatiya Kisan Union Kisan Andolan अब ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण फैलने की खबरें आने लगी हैं। कई गांवों में लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में कोरोनावायरस के खिलाफ लॉकडाउन को सभी राज्य एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।
ये भी सूचनाएं मिल रही हैं कि दिल्ली की सीमा पर जो किसान आंदोलनकारी बैठे हुए थे, अब जब वो अपने गांव पहुंच रहे हैं तो संक्रमण का केंद्र बन रहे हैं। चूंकि गांवों में अभी वायरस की जांच कम हो रही है इस वजह से वहां संक्रमितों के बारे में सही जानकारी भी सामने नहीं आ रही है। इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इंटरनेट मीडिया पर सरकार पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले पंचायत चुनाव के दौरान तमाम नेता वोट के लिए किसानों के घरों के बाहर पहुंच रहे थे, अब रिजल्ट आ जाने के बाद सभी आइसोलेट हो गए हैं। बीमार होने वाले किसानों का हाल चाल लेने कोई नहीं पहुंच रहा है। किसान अपने इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं। मगर सुनने वाला कोई नहीं है।
ग्रमीण क्षेत्रों में कोरोना के कहर से हाहाकार मचा है।
डॉक्टर, दवाई,टेस्टिंग उपलब्ध नही है। जनप्रतिनिधि घरो में आइसोलेटेड है।
कुछ तो करो सरकार,घर घर मे है बीमार@PMOIndia @ANINewsUP @PTI_News @AmarUjalaNews @ravishndtv @news24tvchannel @myogiadityanath @NitishKumar pic.twitter.com/5C6ME95RvT— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) May 12, 2021
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सबसे ज्यादा मामलों वाले जिलों में लाकडाउन अभी छह से आठ हफ्ते और बरकरार रहना चाहिए। जिन जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से ज्यादा है वहां तो लाकडाउन रहना ही चाहिए। फिलहाल देश के कुल 718 जिलों में से तीन चौथाई जिलों में पाजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक है जिनमें दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहर शामिल हैं।