गुरु हरिकिशन किडनी डायलसिस अस्पताल में हर वर्ग के लोगों को मिलेगा इलाज, नहीं होगा बिलिंग काउंटर
राजधानी के सराय काले खां स्थित गुरु हरिकिशन किडनी डायलसिस अस्पताल शुरू हो गया। इसे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शुरू किया। इस अस्पताल में डायलिसिस पूरी तरह से निश्शुल्क होगा। इस अस्पताल में एक समय में 101 मरीज अपना इलाज करा सकेंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के सराय काले खां स्थित गुरु हरिकिशन किडनी डायलसिस अस्पताल रविवार से शुरू हो गया। इसे दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शुरू किया। इस अस्पताल में डायलिसिस पूरी तरह से निश्शुल्क होगा।
इस डायलिसिस सेंटर की एक और खासियत होगी कि यहां बिलिंग काउंटर नहीं होगा, हर समुदाय के लोग यहां पर आकर अपना इलाज करवा सकेंगे। इस अस्पताल में एक समय में 101 मरीज अपना इलाज करा सकेंगे। अस्पताल में एक दिन में 500 लोगों इलाक कराने की सुविधा मिलेगी।
रविवार को कारसेवा वाले बाबाजी बाबा बचन सिंह ने इस अस्पताल का उद्घाटन किया। इसका पहला ब्लाक पंथ रत्न बाबा हरबंस सिंह के नाम पर रखा गया है। बाबा हरबंस ने ही 2002 में इसका निर्माण शुरू कराया था, लेकिन कुछ कारणों से काम नहीं हो सका था। दिसंबर, 2019 में डीएसजीएमसी ने यहां डायलिसिस अस्पताल बनाने की घोषणा की।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है इस अस्पताल को छह महीने में तैयार किया गया है, एक मरीज पर साल में 4 से 5 लाख रुपये खर्च होते हैं ऐसे में कमेटी में मानवता की सेवा के लिए ये अस्पताल शुरू किया गया है। डायलिसिस की सभी मशीने जर्मनी से मंगाई है। इसमें कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए भी इंतज़ाम किया गया है।
इस अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे, यहां वो अस्पताल से जुड़ी मैनेजमेंट कमेटी के साथ नजर आए। उनको इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बुलाया गया था।
इस अस्पताल में जल्द ही कई बीमारियों की जांच से जुड़ी मशीनें लगाई जाएंगी। गुरुद्वारा श्री बाला साहिब में एक डायग्नोस्टिक सेंटर भी बनाया जा रहा है, जहां मात्र 50 रुपये में मरीज सीटी स्कैन करा सकेंगे। गुरुवार को उसका भी उद्घाटन किया जाएगा।
आनलाइन भी करा सकेंगे पंजीकरण
अस्पताल में दाखिले के लिए कोई भी व्यक्ति वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करा सकेगा या सीधे अस्पताल जा सकता है। आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र लाने की जरूरत भी नहीं होगी। पूर्व में कराई गई डायलिसिस की रिपोर्ट या फिर डाक्टर का पर्चा (प्रिसक्रिप्शन) लेकर आना होगा, ताकि डाक्टर भर्ती करने पर अंतिम निर्णय ले सकें।