Delhi News: कॉल सेंटर के असली मालिक को बचाने के लिए मैनेजर को बना दिया ऑनर, अमेरिकी के लोगों को बनाते थे निशाना
दिल्ली के पंजाबी बाग इलाके में चल रहे एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। यह कॉल सेंटर अमेरिकी नागरिकों को उनके फेसबुक अकाउंट में समस्या बताकर ठगी कर रहा था। पुलिस ने कॉल सेंटर के मैनेजर शोभित बत्रा और 21 टेली कॉलर को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर के असली मालिक को मुकदमे से बचाने के लिए मैनेजर को ही मालिक बताया गया है।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। पंजाबी बाग के शिवाजी पार्क स्थित अवैध कॉल सेंटर पर बीते दिनों पुलिस छापे के बाद मुकदमे में हेराफेरी किए जाने की बात सामने आ रही है। इस कॉल सेंटर के जरिये अमेरिकी नागरिकों को उनके फेसबुक में दिक्कत आने की बात बताकर ठगी हो रही थी।
टेली कॉलर (एजेंट्स) खुद को यूएसए के फेसबुक सपोर्टर डिपार्टमेंट का अधिकारी बनकर अमेरिकी नागरिकों से बातकर उन्हें निशाना बनाते थे। मदद के बहाने 100 से 200 डालर लिए जाते थे। पुलिस मुख्यालय सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने कॉल सेंटर पर छापा मारकर मैनजर शोभित बत्रा के अलावा 21 टेली कॉलर को पकड़ा था, लेकिन कॉल सेंटर के मालिक को मुकदमे से बचा लिया गया।
जांच में खुला मामला तो अफसरों के उडे़ होश
मुकदमे में शोभित बत्रा को मालिक बताया गया, जो पुलिस सूत्रों के मुताबिक मैनेजर है। कॉल सेंटर के मालिक को आरोपित नहीं बनाया गया, जबकि वह बड़ा खिलाड़ी है और उसके एनसीआर में कई कॉल सेंटर हैं। वैसे रिपोर्ट में हेराफेरी करने की जानकारी मुख्यालय तक पहुंच चुकी है।
फरीदाबाद का रहने वाला है शोभित
सूत्रों के अनुसार, कुछ समय पहले पंजाबी बाग के शिवाजी पार्क के एक बीट अफसर को एक बिल्डिंग में कॉल सेंटर चलने की सूचना मिली थी। मैनेजर ने साइबर सेल के एक अधिकारी को पूरा मामला बताया। इस पर उस अधिकारी ने बीट अफसर से बात कर उसे प्रलोभन दिया। इसके बाद वह वहां से चले गए। शोभित, एनआइटी फरीदाबाद का रहने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, छापे के बाद देर रात तक मुकदमे में असली मालिक को नामजद किया जाए या नहीं इसे लेकर काफी देर तक चर्चा चली। मामले में असली मालिक को बचाने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये के लेनदेन की बात भी सामने आई है। मामले में डीसीपी विचित्र वीर सिंह से बात करने की कोशिश की गई, पर उनसे बात नहीं हो पाई।
साइबर ठगी से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
- अज्ञात लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक न करें।
- सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर संवेदनशील जानकारी न भेजें।
- साफ्टवेयर और आपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें।
- ऑनलाइन लेनदेन के लिए सुरक्षित वेबसाइट का उपयोग करें।
- अज्ञात व्यक्तियों के साथ क्रेडिट व डेबिट कार्ड की जानकारी साझा न करें।
- ऑनलाइन बैंकिंग के लिए दो पासवर्ड का उपयोग करें।
- सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी जैसे कि पता, फोन नंबर और वित्तीय जानकारी साझा न करें।
- सोशल मीडिया पर अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, क्योंकि यह मैलवेयर या फिशिंग हमले का कारण बन सकता है।
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