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सुबह की सैर करने वाले दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के जरूरी खबर, वरना हो जाएंगे बीमार

विशेषज्ञों ने अलर्ट जारी कर कहा है कि दिल्ली-NCR की हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच गई है जो लोगों को बीमार बना सकती है। उन्होंने लोगों को सुबह में सैर नहीं करने को कहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 29 Oct 2019 08:25 AM (IST)Updated: Tue, 29 Oct 2019 08:25 AM (IST)
सुबह की सैर करने वाले दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के जरूरी खबर, वरना हो जाएंगे बीमार
सुबह की सैर करने वाले दिल्ली-NCR के लाखों लोगों के जरूरी खबर, वरना हो जाएंगे बीमार

नई दिल्ली, जेएनएन। Pollution Increase in Delhi and NCR: इस बार दिवाली में पिछले साल के मुकाबले प्रदूषण भले ही कम रहा हो, लेकिन डॉक्टर कहते हैं कि वातावरण में प्रदूषण का जो स्तर है उससे राजधानी दिल्ली की हवा स्वास्थ्य के लिए जहरीली हो गई है। हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआइ) ने अलर्ट जारी कर कहा है कि हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में पहुंच गई है, जो लोगों को बीमार बना सकती है। उन्होंने लोगों को सुबह में सैर नहीं करने की सलाह दी है। सैर करने से सांस व हृदय की बीमारियां बढ़ सकती हैं। खासतौर पर बुजुर्गों, बच्चों व पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को खतरा अधिक है।

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हार्ट केयर फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि दिवाली के बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 को पार पहुंच था। पीएम (पार्टिकुलेट मैटर)-2.5 और इससे छोटे कण फेफड़े के जरिये रक्त में पहुंच जाते हैं। इस वजह से धमनियों में ब्लॉक होने की आशंका रहती है। इस वजह से हृदय की बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसके अलावा पीएम-10 अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी जैसी सांस की बीमारियों का कारण बनती है। उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से अधिक हो तो खेलकूद व खेल प्रतियोगिताएं नहीं होनी चाहिए। एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से अधिक हो तो खुले स्थान पर व्यायाम व 300 से ज्यादा हो तो सैर बंद कर देना चाहिए।

अपोलो अस्पताल के श्वास रोग विशेष डॉ. राजेश चावला ने कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस बार प्रदूषण कम है। फिर भी प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में है, इसलिए सांस के पुराने मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई है। उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। पिछले कुछ समय के मुकाबले 10 से 15 फीसद अधिक मरीज सांस की परेशानियां लेकर इलाज के लिए पहुंचे। कई मरीज फोन करके भी अपनी परेशानी के बारे में पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सांस के मरीजों को डॉक्टर से मिलकर दवाएं बढ़ा लेनी चाहिए। इसके अलावा प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नाक पर भीगा हुआ रुमाल रखना चाहिए। डॉक्टर कहते हैं कि प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बच्चों का फेफड़ा प्रभावित हो सकता है।

कम हाने के बावजूद इस सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषण

सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के मुताबिक सोमवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 368 रहा। बहुत खराब श्रेणी वाला यह इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन है। वहीं, सफर के मुताबिक एयर इंडेक्स 506 यानी आपात स्थिति से भी ऊपर पहुंच गया है।

बिके प्रतिबंधित पटाखे

दिवाली की शाम से लेकर देर रात तक लोग जहां प्रतिबंधित पटाखे बेचते और जलाते नजर आए, वहीं राजधानी में पुलिस भी सख्त दिखाई दी। दिवाली की रात राजधानी में प्रतिबंधित पटाखे जलाने और बेचने के मामले में 386 मामले दर्ज किए गए। 230 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि सात हजार एक सौ किलो पटाखों को जब्त किया गया। इसके अलावा प्रतिबंधित पटाखों के 54 हजार पैकेट भी पुलिस ने जब्त किए।

दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी एसीपी अनिल मित्तल ने बताया कि उत्तरी बाहरी दिल्ली में पुलिस ने दो लोगों को प्रतिबंधित पटाखे बेचते हुए पकड़ा। इनमें पास से 54 हजार पैकेट पटाखे बरामद किए गए। जबकि 56 किलोग्राम से अधिक खुले पटाखे बरामद हुए। इसके अलावा उत्तरी पूर्वी जिला पुलिस ने 2654 किलो पटाखे बरामद किए। प्रतिबंधित पटाखे कम छोड़ने के मामले नई दिल्ली में सामने आए। यहां सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से 56 किलो 500 ग्राम पटाखे बरामद किए गए। सबसे अधिक कार्रवाई द्वारका में की गई।

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