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    2000 साल पुराने वातावरण पर शोध करने गुजरात गई थी IIT दिल्ली की छात्रा सुरभि, हादसे में मौत; प्रोफेसर गंभीर

    Updated: Sat, 30 Nov 2024 08:37 PM (IST)

    गुजरात के लोथल में शोध कार्य के दौरान आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर यामा दीक्षित और शोध छात्रा सुरभि वर्मा हादसे का शिकार हो गईं। प्रो. दीक्षित अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती हैं। सुरभि वर्मा की मौत हो गई। वे पैलियोक्लाइमेट पर शोध कर रही थीं। पैलियोक्लाइमेट में दो हजार साल तक पुराने वातावरण की स्थिति का अध्ययन किया जाता है।

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    मृतक सुरभि वर्मा (शोध छात्रा आइआइटी दिल्ली), प्रो. यामा दीक्षित के साथ शोध कार्य करती छात्रा सुरभि वर्मा।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गुजरात के लोथल में शोध कार्य के दौरान हादसे की शिकार हुईं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी, IIT) दिल्ली की प्रोफेसर और शोध छात्रा प्राचीन वातावरण पर शोध के लिए गईं थीं। प्रो. यामा दीक्षित अहमदाबाद में अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर आईआईटी दिल्ली के वायुमंडलीय विज्ञान विभाग को 2021 में ज्वाइन किया था।

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    मृतक शोध छात्रा सुरभि वर्मा सीतापुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली थी, जो पीएचडी प्रथम वर्ष की छात्रा थीं। उन्होंने पिछले वर्ष ही आईआईटी में प्रवेश लिया था।

    सिंगापुर में पैलियोक्लाइमेट पर किया शोध

    आईआईटी दिल्ली के पर्यावरण विज्ञान विभाग की पूर्व प्रोफेसर मंजू मोहन ने बताया कि प्रो. दीक्षित पैलियोक्लाइमेट में शोध कार्य करती रही हैं। वह इसमें काफी अनुभवी हैं। कैंब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल की है। लंबे समय तक सिंगापुर में पैलियोक्लाइमेट पर शोध कार्य किया है। इसके बाद 2021 में उन्होंने आईआईटी दिल्ली ज्वॉइन किया है।

    दो हजार साल तक पुराने वातावरण का अध्ययन

    ऐसे में उनकी तरफ से कोई गलती हुई हो, इसकी उम्मीद कम ही है। वायुमंडलीय विज्ञान के एक शोध छात्र ने बताया कि पैलियोक्लाइमेट में दो हजार साल तक पुराने वातावरण की स्थिति का अध्ययन किया जाता है। प्रो. यामा दीक्षित का इस पर एक प्रोजेक्ट है, जिसके लिए वह कार्य करने गईं थीं।

    मिट्टी के नमूने लेकर करते हैं शोध

    छात्र ने बताया, पैलियोक्लाइमेट में मिट्टी के नमूने लिए जाते हैं और उन पर अध्ययन किया जाता है। नमूने लेने के लिए अक्सर 10 से 12 फुट का गड्ढा खोदा जाता है। इसमें एक तरफ ढलान बनाते हैं, जिसके जरिये नीचे जाकर मिट्टी का नमूना लिया जा सके।

    पिछले वर्ष ही आईआईटी दिल्ली में लिया था दाखिला

    जो तस्वीरें सामने आई हैं, उसमें साफ पता चलता है कि मशीन से गड्ढा किया गया था स्लोव भी बना गया। लेकिन, हादसा कैसे हुआ, इसके बारे में कोई जानकारी पता नहीं चल रही है। छात्र ने कहा, सुरभि वर्मा एक होनहार छात्रा थीं। पिछले वर्ष ही उन्होंने आईआईटी दिल्ली में प्रवेश लिया था। वह नालंदा छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहीं थीं।

    कौन हैं प्रोफेसर दीक्षित

    छात्र ने कहा कि प्रो. दीक्षित लखनऊ से हैं, लेकिन काफी सालों से दिल्ली में रहती हैं। वर्तमान में वह परिसर में मिले आवास में रह रही हैं। आईआईटी दिल्ली की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक प्रो. यामा दीक्षित ने डीयू के हंसराज कॉलेज से रसायन विज्ञान में बीएससी (आनर्स) और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से पर्यावरण विज्ञान में एमएससी और एमफिल की डिग्री प्राप्त की है।

    कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से PhD

    उन्होंने गेट्स कैम्ब्रिज स्कॉलर के रूप में यूके के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। 2015-2017 तक मैरी क्यूरी पोस्ट डॉक्टरल फेलो के रूप में फ्रांस में काम किया है। सिंगापुर की अर्थ आब्जर्वेटरी (2018-2021) में रिसर्च फेलो रहीं हैं। अक्टूबर 2021 में सीएएस आईआईटी दिल्ली में शामिल हुई हैं।

    शोध छात्रा की मौत के लिए माफी मांगे आईआईटी, मुआवजा दे

    गुजरात में शोध कार्य करते हुए हादसे का शिकार हुई आईआईटी दिल्ली की शोध छात्रा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुआवजे की मांग की है। परिषद ने आईआईटी दिल्ली और गांधी नगर से घटना के लिए सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही है।

    एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री शिवांगी खरवाल ने कहा, शोध छात्रा के साथ हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संपूर्ण प्रकरण की निष्पक्ष रूप से जांच करते हुए घटना के कारणों का त्वरित रूप से पता लगाना चाहिए। शिवांगी ने कहा, शोध स्थल पर कार्य के लिए स्वीकृति लेने की कोई जानकारी नहीं है। सुरक्षा के इंतजाम भी नहीं किए गए थे।

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